दरगाह प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि यह उन लोगों को करारा जवाब है जो जबरन धार्मिक उन्माद पैदा करने की कोशिश में लगे हुए हैं। कुछ लोग 5-6 महीने से मंदिर-मस्जिद की राजनीति में लगे हुए हैं।
लेकिन, हमें मंदिर-मस्जिद विवाद की जरूरत नहीं बल्कि इस देश की एकता और अखण्डता की जरूरत है। हमारा देश तीसरी आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है। जब तक यहां सबका सम्मान और सबका विकास होता रहेगा, तब तक देश आगे बढ़ता रहेगा।
साल 1947 से रही है ये परंपरा
नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि ये देश की परंपरा रही है कि साल 1947 के बाद से हर प्रधानमंत्री ने ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में चादरें पेश की हैंं। पीएम नरेंद्र मोदी भी साल 2014 से इस परंपरा को निभा रहे हैं। वे 10 साल से हर बार अजमेर दरगाह में चादर भेज रहे है। यह भी पढ़ें