किशनगढ़ एयरपोर्ट से ना केवल रीजनल वरन इन्टरनेशनल फ्लाइटें भी उड़ान भर सकती हैं। कार्गो विमानों का भी आसानी से संचालन हो सकता है। इससे केवल किशनगढ़ की मार्बल मंडी ही नहीं बल्कि अजमेर जिले के पर्यटन और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। टोंकडा गांव की दो पहाडिय़ां और गेगल स्थित प्रसार भारती का 200 मीटर ऊंचा टॉवर अभी हटा नहीं है एयरपोर्ट ऑथोरोटी दो बार सर्वे भी करा चुकी है, पर वन विभाग की एनओसी नहीं मिली है।
बढ़ सकती है इंटरनेशनल फ्लाइट
उड़ान-2 स्कीम के तहत अनुमोदित शेष सभी हवाई मार्गों यथा जैसलमेर, जोधपुर, लखनऊ, उदयपुर के साथ ही बैंगलूरू, कोलकात्ता, चैन्नई, गुवाहाटी, अमृतसर, जम्मू एवं देहरादून इत्यादि महानगरों के लिए शीघ्र हवाई सेवा शुरू होगी।
रनवे का हो विस्तार
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर रनवे की लम्बाई 6500 फीट है और इसे बढ़ाकर 8500 या 9000 फीट किए जाने की जरुरत है। इसके लिए पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है। इसके रन वे की लम्बाई बढऩे से बड़े वाहन एवं कार्गो वाहन भी उड़ान भर सकेंगे। साथ ही रन वे की स्ट्रेन्थिंग भी बढ़ाई जाने की जरुरत है। वर्तमान स्ट्रेन्थिंग से सिर्फ छोटे हवाई जहाज ही उतर पा रहे हैं। यहां एयरबस-320 या बोईंग जैसे बड़े विमानों के लिए रनवे की स्ट्रेन्थिंग किए जाने की जरूरत है।
बनेगी छह वाहनों की पार्किंग
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर वर्तमान में 2 ही पार्किग वे है। इसे बढ़ाकर 6 किया जाना है। इसके लिए भी पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।
टर्मीनल भवन का होगा विस्तार
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर वर्तमान में टर्मिनल भवन छोटा पडऩे लगा है और इसके भी विस्तार की जरुरत है। वर्तमान में 150 यात्रियों की क्षमता (75 यात्री आने और 75 यात्री जाने) का है। जबकि यह टर्मीनल 600 यात्रियों (300 यात्री आने और 300 यात्री जाने) की क्षमता का किया जाना प्रस्तावित है। इसके बाद इंटरनेशनल फ्लाइट भी शुरू हो सकती है।
इनका कहना है…..
एयरपोर्ट के संचालन के लिए सभी क्लिरियंस राज्य सरकार को देनी है। टोंकड़ा गांव की दो पहाडिय़ों की कटाई की जानी है। बाधाएं जल्द दूर हो जाए तो बड़ी फ्लाइटों का संचालन शुरू हो सकेगा। एयरपोर्ट और रन वे विस्तार को गति मिलेगी। पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा मिलते ही राजस्व बढ़ेगा।