प्रदेश के हार्डकोर अपराधियों के लिए घूघरा में बनाई गई हाई सिक्योरिटी जेल में गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह, लॉरेन्स विश्नोई समेत कई गिरोह के सरगना और उनके गुर्गो को रखा जा चुका है। आनन्दपाल की फरारी के बाद रिश्तेदार और गिरोह के गुर्गों को भी यहां रखा गया था। वहीं राजू ठहेट की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले रोहित गोदारा भी यहां दिसम्बर 2020 से मार्च 2021 तक रह चुका है।
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ढाई सौ की जेल में 107 हार्डकोर
जेल सूत्रों के मुताबिक हाई सिक्योरिटी जेल की क्षमता 272 बंदियों को रखने की है। यहां हार्डकोर बंदियों के लिए अलग-अगल बैरक हैं। इनमें बिजली का ना तार है ना स्विच। रोशनी की व्यवस्था भी बाहर से फ्लैड लाइट के जरिए की जाती है। जेल की बैरक में ही शौचालय और बॉथरूम मौजूद है।
अन्दर-बाहर बढ़ाई सुरक्षा
गैंगस्टर राजू ठहेट की हत्या के बाद हाई सिक्योरिटी जेल प्रशासन ने भी अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई है। हार्डकोर बंदियों के बैरक के अलावा जेल की बाहरी और भीतर की सुरक्षा में आरएसी व जेल सेवा के प्रहरी को मुस्तैदी से ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।
हार्डकोर के बीच 14 सामान्य बंदी
हाई सिक्योरिटी जेल में 107 हार्डकोर बंदियों के बीच 14 सामान्य बंदी भी रखे गए हैं जो अजमेर सेन्ट्रल जेल से शिफ्ट किए गए हैं। इन 14 सामान्य बंदियों को जेल कर्मियों की निगरानी में व्यवस्था में भी लगाया जाता है।
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जून में निकला अजीत
जेल सूत्रों के मुताबिक हाई सिक्योरिटी जेल में राजू ठहेट का गुर्गा अजीत लाया गया था। हालांकि अजीत को जून में हाई सिक्योरिटी जेल से शिफ्ट कर दिया गया। गौरतलब है कि बीकानेर सेन्ट्रल जेल में 2016 में खूनी संघर्ष में आनन्दपाल गैंग के बलबीर उर्फ बानूड़ा की हत्या के बाद आनन्दपाल सिंह को अजमेर सेन्ट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। फिर प्रदेश के हार्डकोर अपराधियों के लिए अजमेर में हाई सिक्योरिटी जेल का तकमीना तैयार किया गया।
अभी यह है मौजूद
गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह गिरोह के देवेन्द्र सिंह, तेजपाल सिंह, महिपाल सिंह, दलबीर सिंह, कुलदीप सिंह व रामदत्त मौजूद हैं।
लॉरेन्स विश्नोई गिरोह का भोमा, रमेश, हीरा, संदीप, दिनेश, विकास, तिलक, धीरज, गोविन्द व ओमवीर मौजूद हैं।