केंद्र सरकार ने विभिन्न सरकारी योजनाओं, परीक्षाओं और नामांकन में आधार कार्ड को जरूरी बनाया है। सीबीएसई ने भी इस बार जेईई मेन्स के फार्म भरने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता लागू की।
इसके लिए सीबीएसई के दफ्तरों में कैंप लगाया गया। वहीं ज्यादातर विद्यार्थियों ने निजी सेवा प्रदाताओं से आधार कार्ड बनवाए। इसकी एवज में उन्हें मनमाने दाम चुकाने पड़े। लिहाजा सीबीएसई ने ये फैसला लिया है।
स्कूल में आधार नामांकन केंद्र सीबीएसई के अध्यक्ष आर. के. चतुर्वेदी ने बताया कि आधार कार्ड केंद्र सरकार का राष्ट्रीय प्रोजेक्ट है। इसको अमली जामा पहनाने के लिए बोर्ड से सम्बद्ध स्कूल में आधार नामांकन केंद्र शुरू किए जाएंगे। इन केंद्रों में सिर्फ विद्यार्थियों, शिक्षकों और उनके परिजनों के आधार कार्ड के लिए नामांकन कराए जा सकेंगे।
यह होंगे नियम-शर्ते -भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के नियमानुसार स्कूल विद्यार्थियों, शिक्षकों और उनके परिजनों केबायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी संकलित कर सकेंगे। -स्कूल भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के नए आधार सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल ही कर सकेंगे।
-प्राधिकरण के नियमानुसार आधार कार्ड नामांकन के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर, बायोमेट्रिक मशीन और अन्य उपकरणों की व्यवस्था स्कूल को करनी होगी। -स्कूल आधार कार्ड नामांकन के लिए कोई राशि नहीं वसूलेंगे। जोड़ेंगे अन्य परीक्षाओं में
जेईई मेन्स के बाद सीबीएसई अन्य परीक्षाओं में भी आधार कार्ड को जोड़ेगा। भविष्य में होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंट टेस्ट (नीट), सीटेट, नेट/जेआरएफ परीक्षा में भी आधार कार्ड की सूचनाओं के अनुसार फार्म भरवाए जाएंगे।
सीबीएसई को यह होगा फायदा -फर्जी विद्यार्थी नहीं भर पाएंगे परीक्षा फार्म -सूचनाओं के मिलान करने में आसानी -आधार कार्ड के आधार पर रहेगा बोर्ड के पास डाटा बेस -आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल और अन्य संस्थाओं को जानकारी देना आसान
क्या है आधार कार्ड -भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी 12 अंकों का कार्ड। -तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान हुई आधार कार्ड की शुरुआत। -कार्ड में होती है व्यक्ति की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी।
-बैंक, गैस सब्सिडी और अन्य सरकारी योजनाओं से है जुड़ाव।