अजमेर

बरसाती पानी के पास खेत में बनी झोपड़ी में रहने को मजबूर परिवार

पीडि़त का आरोप- 5 साल पहले किया प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन, अब तक नहीं मिली राहत

अजमेरAug 13, 2024 / 01:23 am

dinesh sharma

खेत में बनी झोपड़ी एवं पीडि़त दंपती।

अरांई पंचायत समिति की ग्राम पंचायत कालानाडा का एक परिवार खेत में बनी झोपडी में रहने को मजबूर है। यह परिवार बरसात के इस मौसम में दो बच्चों के साथ प्लास्टिक की टपरीनुमा झोपडी में पिछले छह साल से रह रहा है। इस परिवार का कहना है कि ग्राम पंचायत व पंचायत समिति के कई चक्कर काटने के बावजूद उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही है। इस परिवार में तेजू प्रजापत समेत 6 भाई हैं। पिता का तीन कमरों का मकान है। ऐसे में वह पैतृक मकान को छोड़कर खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहा है। उसने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चों के साथ जीवन-यापन करना मुश्किल हो रहा है। पांच वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। इसमें अभी तक नम्बर नहीं आने से झोपडी में गुजर-बसर कर रहा है।

जीव-जंतुओं का रहता है भय

तेजू प्रजापत जंगल में खुले में रहता है। जिस झोपडी में वह रहता है उसका दरवाजा तक नहीं है। इससे जंगली जानवरों का भय बना रहता है। उसने बताया कि झोपडी में हर वक्त भय का माहौल रहता है। यहां हर वक्त किसी ना किसी को रहना पड़ता है वरना जानवर आटा दाल खा जाते हैं। बच्चे स्कूल चले जाते हैं, तेजू मजदूरी करने चला जाता है तब घर पर उसकी पत्नी को अकेले झोपड़ी में आटे दाल की रखवाली के लिए रहना पड़ता है।

मौसमी बीमारियों का खतरा

बारिश के मौसम में मौसमी बीमारियों का डर रहता है, इसलिए बच्चों को उनकी दादी ले गई। तेजू ने बताया कि परिवार को इस वक्त प्रशासनिक मदद की बेहद जरूरत है। झोपडी के चारों ओर बरसात का पानी भरा हुआ है। खेतों की पगडंडियों से आना-जाना भी दूभर हो रखा है।

टपक रही है झोपडी

तेजू की झोपडी बारिश के दौरान टपक रही है। इसके चलते उसमें रखा सामान भीग रहा है। यहां तक कि सोने के बिस्तर, खाने के सामान में भी पानी भर गया है।
इनका कहना है…

जैसे ही प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन शुरू होंगे पीड़ित को वरियता के आधार पर आवास योजना का लाभ दिलाया जाएगा।

प्रहलाद गुर्जर, वीडीओ, कालानाड़ा

प्रधानमंत्री आवास सर्वे लिस्ट दिखाता हूं। उसमें इसका नाम है या नहीं। नियमानुसार जो भी सरकार की तरफ से सहायता होगी दिलवाई जाएगी।
प्रेमप्रकाश भावता, विकास अधिकारी, अरांई

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