अजमेर डिस्कॉम ने लाडनूं सब डिवीजन को 7 हजार 278 पोल जारी किए थे। अभियंताओं ने 3 हजार 447 पोल तो उपयोग में ले लिए लेकिन 3 हजार 831 पोल का हिसाब किताब ही नहीं है। इन पोल की कीमत करीब 96 लाख रुपए है। इस मामले में शिकायत निगम मुख्यालय को प्राप्त हुई थी। इसमें बताया गया था कि सब डिवीजन के अभियंता पोल का दुरुपयोग कर रहे हैं। पोलों को तोड़ कर उन्हें यहां-वहां लगाया जा रहा है। निगम ने शिकायत की जांच करवाई तो सही पाई गई। इसके बाद अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरु की गई है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि अभियंताओं को निगम के पोलों का सही ढंग से उपयोग नहीं करने तथा उनका रिकॉर्ड से सहीं से नहीं रखने के कारण चार्जशीट जारी की गई है। मामले में अभियंताओं के साथ ही ठेकेदार फर्मों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।
मेटेरियल गायब होना आम बात नागौर जिले में निगम की सर्वाधिक बिजली चोरी होती है। यहां निगम कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा बिजली चोरों व ठेकेदारों को ट्रांसफार्मर, पोल व कंडक्टर बेचने/अवैध रूप से जारी करने के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। पोल व तार के जरिए अवैध लाइन खींचकर बिजली चोरी की जाती है। हाल ही निगम ने एक गोदाम पर छापा मारकर कई बंडल तार भी जब्त किए थे इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई। कई कर्मचारी भी चिह्नित किए गए जिन्होंने निगम का माल बेचा।