रात दो बजे अकेले घर से निकली थी महिला
जानकारी के अनुसार अरवल्ली जिले के गांव की एक महिला को विवाह के 7 साल बाद भी कोई संतान नहीं था। दंपती के निसंतान रहने से पति समेत सास-ससुर की प्रताडऩा महिला की रोजमर्रा की बात हो चुकी थी। शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा से तंग आकर आखिरकार महिला ने आत्महत्या करने की ठानी और रात दो बजे अकेले घर से निकल गई। खेत से रोते-रोते वह जा रही थी, एक दंपती की उस पर नजर पड़ी। दंपती ने महिला को समझाते हुए 181 अभयम हेल्पलाइन को सूचना दी।
जानकारी के अनुसार अरवल्ली जिले के गांव की एक महिला को विवाह के 7 साल बाद भी कोई संतान नहीं था। दंपती के निसंतान रहने से पति समेत सास-ससुर की प्रताडऩा महिला की रोजमर्रा की बात हो चुकी थी। शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा से तंग आकर आखिरकार महिला ने आत्महत्या करने की ठानी और रात दो बजे अकेले घर से निकल गई। खेत से रोते-रोते वह जा रही थी, एक दंपती की उस पर नजर पड़ी। दंपती ने महिला को समझाते हुए 181 अभयम हेल्पलाइन को सूचना दी।
इसके बाद काउंसलर चेतना चौधरी ने संतान प्राप्ति के लिए महिला और पुरुष दोनों को जवाबदार संबंधी बातों से पीडि़त महिला को अवगत कराया। इसके बाद किसी तरह महिला को समझा-बुझा कर उसे उसके ससुराल ले जाया गया। यहां पति समेत सास-ससुर को सख्त शब्दों में घरेलू हिंसा संबंधी कानून से अवगत कराया गया। इसके बाद पति ने महिला को किसी प्रकार तरह से प्रताडि़त नहीं करने का लिखित में आश्वासन दिया। बाद में महिला के आंखों में राहत भरी आंसू देख मामले का सुखद अंत आया।