उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) को कहा कि वे चौकीदार की तरह अपनी क्षमता को कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी के खतरे को काबू में करने में इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि टैक्स सिस्टम केवल उतनी ही अच्छी या जटिल है, जितनी टैक्स प्रोफेशनल उसे बनाते हैं। जिससे सभी सीए को टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाने में श्रेष्ठ पद्धतियों के बैंचमार्क स्थापित करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आयकर बचाने की योजना और कर चोरी के बीच पतली रेखा है। आयकर आयोजन के लिए सलाह देना सीए का कार्य है, लेकिन वे यह भी सुनिश्चित करें कि इस पतली रेखा का उल्लंघन ना हो, क्योंकि सीए ही इस पतली रेखा के संरक्षक हैं। सीए को हमेशा टैक्स प्लानिंग की तरफ ही झुकना चाहिए।
समारोह में वाणिज्य मंत्री पीयुष गोयल, गुजरात के प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, आईसीएआई के अध्यक्ष अनिकेत तलाटी, उपाध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल, आईएफसीए की प्रमुख अस्मा रेस्मौकी व देश-विदेश से आए सीए उपस्थित रहे।
सीए वित्तीय अखंडितता के संरक्षक उपराष्ट्रपति ने सीए को वित्तीय अखंडितता का संरक्षक बताते हुए कहा कि उन्हें पारदर्शी और जवाबदेह वित्तीय व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए उदाहरण रूप कार्यवाही करनी चाहिए। यह काम सीए ही कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता। नैतिकता के साथ समाधान करना यह वित्तीय विश्व में भूकंप से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्तीय रिपोर्ट, ऑडि़टिंग, आयकर और कंसल्टिंग सेवाओं में विश्वास और अखंडितता को प्रोत्साहन देने में नैतिकता मुख्य भूमिका निभाती है। सरकार के लिए राजस्व आय से भी आगे बढ़कर आयकर और वित्तीय रिपोर्ट प्रणाली का महत्व है।