वीरपुर का यह मंदिर पिछले 200 वर्षों में कभी बंद नहीं किया गया था। लेकिन कोरोना के चलते इस मंदिर को भी बंद करना पड़ा। मंदिर को खोलने का निर्णय मंदिर के गादीपति रघुरामबापा की ओर से लिया गया। रविवार को सिर्फ वीरपुर वासियों के लिए यह मंदिर खोला गया था।
सबसे पहले दर्शनार्थियों को वीरपुर के पास मानकेश्वर मंदिर के निकट रजिस्ट्रेशन कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराकर टोकन लेना होता है। इसके बाद सेनेटाइज चैम्बर में सेनेटाइज होने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता है। सभी को अपने मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य है। दर्शन सुबह सात बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक और दोपहर बाद 3 बजे से लेकर शाम के सात बजे तक हो सकेगा। दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों व 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को मंदिर में प्रवेश की मनाही है। राज्य सरकार के अगले दिशानिर्देश तक मंदिर का भोजनालय भी बंद रहेगा। किसी भी प्रकार का प्रसाद भी मंदिर में ले जाने पर मनाही है।
सबसे पहले दर्शनार्थियों को वीरपुर के पास मानकेश्वर मंदिर के निकट रजिस्ट्रेशन कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराकर टोकन लेना होता है। इसके बाद सेनेटाइज चैम्बर में सेनेटाइज होने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता है। सभी को अपने मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य है। दर्शन सुबह सात बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक और दोपहर बाद 3 बजे से लेकर शाम के सात बजे तक हो सकेगा। दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों व 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को मंदिर में प्रवेश की मनाही है। राज्य सरकार के अगले दिशानिर्देश तक मंदिर का भोजनालय भी बंद रहेगा। किसी भी प्रकार का प्रसाद भी मंदिर में ले जाने पर मनाही है।