एसीबी के तहत उन्हें रॉयल्टी इंस्पेक्टर के विरुद्ध शिकायत मिली है। इसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि वह नर्मदा नदी के किनारे से राजपीपला में स्थित पोइचा गांव से उसे मिले ऑर्डर के तहत अपने ट्रकों में रेती को निकालता है और बेचता है।आरोप है कि रॉयल्टी इंस्पेक्टर ने खान खनिज विभाग नर्मदा की जियो माइन एप्लीकेशन के जरिए शिकायतकर्ता की ट्रक का नंबर खोजा और उसे वॉट्सएप कॉल कर कहा कि रॉयल्टी के बिना ही उसने ट्रक फिलहाल जाने दिया है। ट्रक को यदि खनिज विभाग के गोदाम में जब्त कर रखा होता तो ढाई से तीन लाख रुपए का दंड भरना पड़ता। दंड भरना है या फिर एक लाख रुपए देने हैं।
इस प्रकार का फोन आने पर शिकायतकर्ता ने रॉयल्टी इंस्पेक्टर से रूबरू में जाकर मुलाकात की। उस बातचीत में शिकायतकर्ता ने कहा कि अभी एक लाख रुपए नहीं हैं। फिलहाल कुछ समय में 60 हजार रुपए का इंतजाम करके देगा और बाकी के 40 हजार रुपए 15 दिन में दे देगा। रॉयल्टी इंस्पेक्टर ने समय दिया और फिर 60 हजार रुपए के लिए फोन किया। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था, जिससे उसने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी।