अहमदाबाद

भारतीय मछुआरों की पत्नियों की व्यथा, पाक जेल में बंद मछुआरों को रिहा कराएं

संगठनों का कहना है कि भारत के 558 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं और पाकिस्तान के 74 मछुआरे भारतीय जेलों में कैद हैं
 

अहमदाबादAug 07, 2021 / 11:31 pm

MOHIT SHARMA

भारतीय मछुआरों की पत्नियों की व्यथा, पाक जेल में बंद मछुआरों को रिहा कराएं

राजकोट. गुजरात के मछुआरों संगठनों ने स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखकर भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे के मछुआरों को मानवीयता के आधार पर रिहा करने की गुहार लगाई है। इन संगठनों का कहना है कि भारत के 558 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं और पाकिस्तान के 74 मछुआरे भारतीय जेलों में कैद हैं।
पाकिस्तान की जेलों में पिछले कई वर्षों से कैद दीव,दमण, पोरबंदर, कोडिनार सहित सौराष्ट्र के विभिन्न इलाकों के सैंकड़ों मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं। इनमें से कुछ मछुआरों की पत्नियों की ओर से इनकी रिहाई की मांग की गई।
राजकोट में नेशनल फीश वर्कर फोरम के साथ-साथ मछुआरों से जुड़ी संस्थाओं ने शनिवार को मीडिया को बताया कि मछुआरों के परिवारों को किसी प्रकार की मदद नहीं चाहिए बल्कि मछुआरों को पाकिस्तान से रिहा किया जाना चाहिए।
मछुआरों की पत्नियों ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से इस संबंध में राज्य के साथ-साथ केन्द्र सरकार से गुहार लगाई गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
पाक जेल में बंद मछुआरे जीतूभाई की पत्नी रमीलाबेन के मुताबिक सरकार की ओर से जो मछुआरा पहली बार जेल जाने वाले मछुआरे के परिवार को प्रत्येक महीने 9 हजार रुपए की मदद दी जाती है, लेकिन उन्हें अब सहायता नहीं चाहिए बल्कि उनके पति की जेल की रिहाई चाहिए।
हीराबेन ने कहा कि उनके पति गत तीन वर्ष से पाक जेल में बंद हैं। उनका पुत्र जब पांच महीने का था तब पाकिस्तानी मरीन एजेंसी ने उनके पति को मछली पकड़ते हुए पकड़ा था, अब उनका पुत्र अपने पिता के बारे में पूछता है। ऐसे में उसे क्या जवाब दिया जाए।
इस अवसर पर मुंबई के जतिन देसाई, पोरबंदर के जीवन भाई डुगी और कोडिनार के बालूभाई सहित मछुआरों की पत्नियां मौजूद थीं।
कोरोना के कारण चिन्तित
मछुआरे समाज की महिलाओं व अन्य लोगों ने कहा कि कोरोना के चलते पाक जेल में बंद उनके प्रियजनों को लेकर उन्हें चिंता है। इन्होंने यह भी दावा किया कि 558 में से 295 मछुआरों की राष्ट्रीयता भी सुनिश्चित की जा चुकी है। इनमें से अधिकांश करीब ढाई-तीन वर्षों से पाक जेल में हैं। दोनों देश की सरकारें यह मानती हैं कि मछुआरे भूलवश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार कर जाते हैं।

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