अहमदाबाद

IPR PG Diploma जीटीयू का आईपीआर पीजी डिप्लोमा विद्यार्थियों से ज्यादा पेशेवर, प्रोफेसरों को आ रहा पसंद

इस ऑफलाइन कोर्स को पढऩे वाले १४ विद्यार्थी बने पेटेन्ट एजेंट, ७० साल के बुजुर्ग व रिटायर्ड बैंकर कर रहे हैं पढ़ाई

अहमदाबादJun 29, 2019 / 09:25 pm

nagendra singh rathore

जीटीयू का आईपीआर पीजी डिप्लोमा विद्यार्थियों से ज्यादा पेशेवर, प्रोफेसरों को आ रहा पसंद

अहमदाबाद.विद्यार्थियों के बजाय गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) के बौद्धिक संपदा अधिकार में पीजी डिप्लोमा (पीजीडी-आईपीआर) कोर्स पेशेवरों व प्रोफेसरों को ज्यादा रास आ रहा है। इतना ही नहीं, एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंटलेक्च्युअल प्रोपर्टी राइट्स कोर्स के साथ-साथ छह महीने के आईपी वेल्युएशन एंड मैनेजमेंट (आईपीवीएम) सॢटफिकेट कोर्स भी इन लोगों की पसंद बन रहा है।
ऑफ कैंपस चलने वाले इन कोर्स को उत्तीर्ण करने वाले १४ विद्यार्थी पेटेन्ट एजेंट की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। २५ वर्ष से लेकर ७० वर्ष तक के बुजुर्ग पीजीडीआईपीआर की पढ़ाई कर रहे हैं।
जीटीयू में वर्ष २०१४-१५ से अब तक वर्षीय पीजीडी-आईपीआर कोर्स के तीन बैच पूरे हो चुके हैं। चौथे बैच में ५४ विद्यार्थी हैं। २०१६-१७ से आईपीवीएम कोर्स शुरू किया गया जिसके दो बैचों में ४५ विद्यार्थी थे। अब तक इन दोनों कोर्स को १८७ विद्यार्थियों ने चुना है। इनमे से १३३ ने पढ़ाई पूरी की है। १८७ में से सर्वाधिक ८७ विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवर, व्यापारी व उद्यमी हैं। जबकि प्रोफेसरों की संख्या भी ३७ है। ६६ विद्यार्थियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। वर्ष २०१७-१८ के मौजूदा बैच के ५४ विद्यार्थियों में पेशेवरों की संख्या २१ है। इस कोर्स को पूरा करने वाले १३३ विद्यार्थियों में से १४ विद्यार्थी पेटेन्ट एजेंट भी बन गए हैं। उन्होंने भारत सरकार के पेटेन्ट कार्यालय की ओर से ली जाने वाली पेटेन्ट एजेंट परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। देश में जीटीयू ही पेटेन्ट एजेंट परीक्षा की तैयारी कराती है। इसके अलावा चाइना के पेटेन्ट सिस्टम को पढ़ाया जाता है।
छह महीने के आईपी वेल्युएशन एंड मैनेजमेंट कोर्स एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स है, जिसमें पेटेन्ट, ट्रेडमार्क की वेल्युएशन निकालना, उसका मैनजेमेंट करना सिखाया जाता है।

दोनों कोर्स के पहले बैच की रही छात्रा, हुआ फायदा

बतौर एमफार्म विद्यार्थी रहने के दौरान जीटीयू के पीजी डिप्लोमा इन आईपीआर कोर्स के बारे में पता चलने पर इससे जुड़ीं। उसके बाद जब २०१६ में आईपीवीएम कोर्स आया तो उसे भी किया। दोनों ही कोर्स आज के समय में बेहतरीन हैं। इसे विद्यार्थियों को करना चाहिए। उन्हें इन कोर्सके चलते फायदा भी हुआ है। वे आज पेटेन्ट एजेंट की परीक्षा पास कर चुकी हैं।
-प्रीती चोथानी, पेटेन्ट एजेंट, छात्रा पीजीडी-आईपीआर, जीटीयू


महीने में दो दिन क्लास, वर्ष में १२० घंटे की पढ़ाई

जीटीयू के ऑफ कैंपस पीजी डिप्लोमा इन आईपीआर में १२० घंटे की पढ़ाई कराई जाती है जो इस प्रकार का कोर्स कराने वाले अन्य किसी भी संस्थान या विवि की ओर से नहीं कराई जाती। महीने में दो दिन दूसरे, चौथे शनिवार, रविवार को १५-२० साल के अनुभवी इंडस्ट्री एक्सपर्ट, अधिकारी, प्रोफेसरों के लेक्चर आयोजित होते हैं। कोर्स विशेषरूप से डिजाइन किया है और ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। दोनों ही कोर्स में व्यापारी, उद्यमी, प्रोफेसर, प्राचार्य ज्यादा प्रवेश लेते हैं। २५ से ७० साल के बुजुर्ग तक छात्र हैं। १८७ विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया, १३३ उत्तीर्ण हुए हैं उसमें से १४ पेटेन्ट एजेंट भी बन गए हैं। छह महीने के आईपीवीएम में भी ऐसा ही ट्रेंड है।
-अमित पटेल, ओएसडी, पीजीडी-आईपीआर, आईपीवीएम,जीटीयू

पढऩे की कोई उम्र नहीं होती, ज्ञान बढ़ाना पसंद

यूको बैंक से २०१० में चीफ मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद मुंबई की एक ऑडिट फर्म में किया। बेटे की अहमदाबाद में नौकरी लगी तो गुजरात आए। राजकोट की एक युनिवर्सिटी मेें भी प्लेसमेंट ऑफिसर रह चुके हैं। इस दौरान उन्हें इस कोर्स का पता चला। उन्हें ज्ञान बढ़ाना पसंद है। उन्होने मुंबई में देखा कि उनसे भी ज्यादा आयु के लोग ट्रेन में सफर करते हैं। काम भी करते हैं और स्वस्थ्य हैं। तो वे क्यों नहीं ऐसा कर सकते। यह कोर्स अच्छा है। आज की जरूरत के अनुरूप है। उन्हें ज्ञान बढ़ाना पसंद है। जिससे यह कोर्स जॉइन किया है। रात को और दिन में एक-एक घंटे पढ़ाई करते हैं।
-संजीवन पाठक, ७० वर्षीय छात्र, पीजीडी-आईपीआर, जीटीयू
 

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