आरएसएस के प्रचारक रह चुके माथुर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेहद करीबी माना जाता है।
अगले वर्ष 2 जनवरी को 6९वें वर्ष में प्रवेश करने वाले माथुर ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
वे वर्ष 2002 से लेकर 2008 तक गुजरात भाजपा के प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं। पाली जिले की बाली तहसील में फालना के पास बेदल निवासी माथुर गुजरात को पूरी तरह से जानते हैं।
लोकसभा प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद उनकी सबसे बड़ी चुनौती पिछली बार की तरह सभी 26 सीटों पर जीत दिलाने की होगी। साथ ही प्रत्याशियों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका रहेगी।
उन्होंने कहा कि माथुर पहले भी गुजरात के प्रभारी के रूप में सफल जिम्मेवारी निभा चुके हैं। वे गुजरात के संगठन से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा पहले पंचायत से लेकर विधानसभा चुनाव जीत चुकी है।
वाघाणी ने माथुर के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सभी 26 सीटें जीतने की आशा जताई। उन्होंने पार्टी के गुजरात प्रदेश के उपाध्यक्ष गोरधन झड़फिया को उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के प्रभारी की जिम्मेवारी सौंपने के लिए उन्हें बधाई दी है।