अहमदाबाद. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक विवाद को और तूल दिया। अहमदाबाद में मंगलवार को छठ पूजा के घाट के लोकार्पण अवसर पर उन्होंने बिहार व गुजरात के बीच संबंधों की व्याख्या करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद गुजरात के पवित्र सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन बिहार के निवासी और भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था। उन्होंने राजेन्द्र प्रसाद को धोती पहनने, भोजपुरी बोलने वाला व साधारण दिखने वाला बताते हुए कहा कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के हाथों सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन का विरोध किया था और राष्ट्रपति को जाने से मना किया था, लेकिन विरोध के बावजूद डॉ. प्रसाद ने सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया। तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था कि वे मंदिर का उद्घाटन करने जाएंगे और मंदिर का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि मोदी इस तरह का बयान पहले भी दे चुके हैं।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को बताया दुनिया का आठवां आश्चर्य स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखकर छठ पूजा के लिए घाट के लोकार्पण अवसर पर अहमदाबाद पहुंचे बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को दुनिया का आठवां आश्चर्य बताया। उन्होंने कहा कि गुजरात ने सरदार पटेल की प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को दुनिया का आठवां आश्चर्य स्थापित कर दिखा दिया है। इसे देखकर मानों लगता है कि इसे चारों तरफ से देखते रहें। उन्होंने देश भर के लोगों से अपील की कि अगर एक बार स्टेच्यू ऑफ यूनिटी नहीं देखा तो जीवन सफल नहीं होगा।
इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी मंगलवार को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने पहुंचे। नर्मदा जिले के केवडिया स्थित इस प्रतिमा को देखने के दौरान वे लिफ्ट में फंस गए।
उन्होंने मीडिया को बताया कि विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ने यह साबित किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों ने अपने लोह उपकरण देकर इस प्रतिमा के निर्माण में योगदान दिया है।
उन्होंने मीडिया को बताया कि विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ने यह साबित किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों ने अपने लोह उपकरण देकर इस प्रतिमा के निर्माण में योगदान दिया है।