एसओजी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर नडियाद में स्थित जीआईडीसी में रुद्र एंटरप्राइजेज फैक्ट्री में वीडियोग्राफर के साथ छापा मारा। फैक्ट्री का शेड मुंबई के कांदिवली इलाके निवासी प्रकाश गोपवाणी को पट्टे पर दिया गया था। प्रकाश यह फैक्ट्री चला रहा था। पुलिस ने शटर उठाकर देखा तो दो हिस्सों में बड़े-बड़े हॉल में केमिकल से भरे बड़े-बड़े बैरल पड़े थे। समीप के हॉल में मशीनरी की व्यवस्था की गई थी।बैरलों में भरे गए रसायन के प्रकार की जांच के लिए एफएसएल के अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया। एफएसएल की टीम ने उत्पादित तरल पदार्थ के साथ-साथ पीले रंग के पाउडर भरे सीलबंद बैरलों का प्रारंभिक निरीक्षण किया। जांच में पता चला कि इस पाउडर का इस्तेमाल नशीली नकली ताड़ी बनाने में किया जा रहा था। इस दौरान फैक्ट्री में काम करने वाले दो लोगों से पूछताछ की गई। इसके अलावा पुलिस ने ऑफिस टेबल की दराजों में अलग-अलग फाइलों में मौजूद दस्तावेजों की जांच की, जिसमें खुलासा हुआ कि यह फैक्ट्री प्रकाश गोपवाणी के नाम से चल रही थी।
ऐसे करते थे तैयार इस बीच, टीम ने तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ जब्त किया। फैक्ट्री में मौजूद नौकर से पूछताछ की गई। पीले रंग का यह क्रिस्टल पाउडर कैसे बनता है, इसके बारे में पूछने पर दोनों लोगों ने बताया कि फैक्ट्री में प्लास्टिक के बैरल में 10 बैरल केमिकल भरकर एक मोटर के जरिए टैंक जैसी मशीन में लोड किया जाता था, इसमें एक मोटर से 170 लीटर पानी भी लोड किया जाता था। उसके बाद, तैयार सामग्री को मशीन के नीचे वाल्व के माध्यम से एक प्लास्टिक के ढक्कन वाले टब में भर दिया जाता था। कारखाने में बनी एक बड़ी पानी की टंकी में व्यवस्थित किया जाता था। उस पर एक आइस पैक रखा जाता था। मिश्रण को ठंडा करने के बाद पाउडर बनता था। तैयार पाउडर को प्लास्टिक की बड़ी थैलियों में भरकर पैक किया जाता था।19 लाख का सामान जब्त
पुलिस ने फैक्ट्री से एक लैपटॉप, प्रिंटर, तरल पदार्थ और पाउडर, एक बाइक सहित कुल 19 लाख 68 हजार 500 रुपए का सामान जब्त किया। जांच से पता चला कि क्लोरल हाइड्रेट पाउडर बनाने के लिए क्लोरल का प्रसंस्करण कर इसे गुलाब क्रिस्टल के नाम पर गलत तरीके से तैयार किया गया। जिससे पता चला कि रासायनिक पाउडर जहरीला था और नशे के लिए नकली ताड़ी बनाने के लिए उपयोग किया जाता था। टीम ने संचालक प्रकाश गोपवाणी के खिलाफ मामला दर्ज किया और आरोपी को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू की।नहीं लिया लाइसेंस : एसपी
जिला पुलिस प्रमुख अधीक्षक राजेश गढ़िया ने बताया कि क्लोरल को प्रोसेस कर क्लोरल हाइड्रेट पाउडर बनाया गया। इसका उपयोग नकली ताड़ी बनाने में किया जाता है। वास्तव में इसका सिडेटिव्स और निश्चेतक के रूप में किया जाता है, लेकिन यह वर्तमान में प्रतिबंधित हैं। साथ ही यह पाउडर मुंबई में भी बेचा जाता था। प्रकाश ने बिल में अलग-अलग नाम दर्शाए। यह पाउडर यहीं बनता था और मुंबई में बेचा जाता था। प्रकाश ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जीआईडीसी से कोई लाइसेंस नहीं लिया।