इस परिसर को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित होगा, जहां प्राचीन से लेकर आधुनिक समय तक के भारत की समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही नवीनतम तकनीक का उपयोग कर एक शैक्षणिक दृष्टिकोण भारत की समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपनाया जाएगा।
मेरीटाइम रिसोर्ट भी होगा इस परियोजना को विकसित करने के लिए, भूमि हस्तांतरण से संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। पर्यावरण अनुमति सहित सभी भूमि संबंधी मंजूरी मिल चुकी है। परिसर को विभिन्न अद्वितीय संरचनाओं के साथ लगभग 400 एकड़ के क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, लाइट हाउस म्यूजियम, हेरिटेज थीम पार्क, म्यूजियम थीम्ड होटल और मेरिटाइम थीम्ड इको-रिसॉर्ट्स और समुद्री संस्थान शामिल हैं। परिसर की अनूठी विशेषता प्राचीन लोथल शहर की फिर से रचना है, जो 2400 ईसा पूर्व से प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक है।
परिसर में प्रत्येक तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कलाकृतियों या समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए मंडप होगा। परिसर में विभिन्न थीम पार्क सार्वजनिक-निजी साझेदारी के माध्यम से विकसित किए जाएंगे, जो आगंतुकों को एक पूर्ण पर्यटन स्थल का अनुभव प्रदान करेगा। इनमें समुद्री और नौसेना थीम पार्क, स्मारक पार्क, जलवायु परिवर्तन थीम पार्क, साहसिक और मनोरंजन थीम पार्क शामिल हैं।
प्रोजेक्ट पर तीव्रता से हो रहा है कार्य
यह अहम प्रोजेक्ट है। गुजरात सरकार पूरी तरह से सहयोग कर रही है। प्रोजेक्ट को समय पर पूर्ण करने के लिए गति से कार्य किया जा रहा है। मंत्री जी भी बैठक कर चुके हैं। डिजाइन भी तैयार हो चुकी है।
मनोज कुमार दास
अतिरिक्त मुख्य सचिव, बंदरगाह एवं परिवहन विभाग
यह अहम प्रोजेक्ट है। गुजरात सरकार पूरी तरह से सहयोग कर रही है। प्रोजेक्ट को समय पर पूर्ण करने के लिए गति से कार्य किया जा रहा है। मंत्री जी भी बैठक कर चुके हैं। डिजाइन भी तैयार हो चुकी है।
मनोज कुमार दास
अतिरिक्त मुख्य सचिव, बंदरगाह एवं परिवहन विभाग