अहमदाबाद

Gujarat: कच्छ के जज्बे को समर्पित विशेष संग्रहालय बनेगा लोगों के आकर्षण का केंद्र

Kutch, special museum, smriti van, PM Narendra Modi

अहमदाबादAug 23, 2022 / 11:17 pm

Uday Kumar Patel

Gujarat: कच्छ के जज्बे को समर्पित विशेष संग्रहालय बनेगा लोगों के आकर्षण का केंद्र

Kutch: special museum at smriti van will be attraction for people
PM Narendra Modi 28 अगस्त को कच्छ के भुज शहर में स्मृति वन का लोकार्पण करेंगे। 26 जनवरी, 2001 को आए विनाशक भूकंप ने कच्छ को तबाह कर दिया था। भूकंप का शिकार बने लोगों की याद में इस स्मृति वन का निर्माण किया गया है। इस त्रासदी के बाद एक अभूतपूर्व सफर तय करते हुए कच्छ फिर से पटरी पर लौटा है और आज कच्छ के विकास का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने स्मृति वन बनाने का संकल्प व्यक्त किया था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस परियोजना को धरातल पर उतारने का कार्य किया है। अब यह परियोजना साकार हो गई है। स्मृति वन में बनाया गया विशेष संग्रहालय लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।
इस संग्रहालय के निर्माण का उद्देश्य भूकंप के उन पलों को फिर से जीवंत करना और उस विभीषिका से ली गई सीख को बताने के साथ ही युवाओं में भूगर्भशास्त्र के प्रति रुचि पैदा करना है। भूगर्भशास्त्र से संबंधित विभिन्न रोचक जानकारियों तथा भूकंप की स्मृतियों को यहां अलग-अलग गैलरियों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी और उपकरणों का उपयोग किया गया है।
दुनिया के सबसे बड़े सिमुलेटर में एक

2001 में आए विनाशक भूकंप की अनुभूति के लिए एक विशेष थियेटर का निर्माण किया गया है जो दुनिया में सबसे बड़े सिमुुलेटर में से एक है। यहां कंपन, ध्वनि और प्रकाश के संयोजन से एक विशेष परिस्थिति का अनुभव कराया जाएगा। संग्रहालय में कुल आठ ब्लॉक हैं, जिन्हें पुन: संरचना, पुन: परिचय, पुन: प्रत्यावर्तन, पुन: निर्माण, पुन: विचार, पुन: आवृत्ति और पुन: स्मरण नाम दिया गया है। यहां ऐतिहासिक हड़प्पा सभ्यता की बस्तियों, भूकंप से संबंधित वैज्ञानिक जानकारी, गुजरात की कला और संस्कृति, चक्रवात का विज्ञान, रियल टाइम आपातकालीन स्थिति के संबंध में कंट्रोल रूम द्वारा सलाह व सुझाव तथा भूकंप के बाद भुज की सफलता गाथाओं एवं राज्य की विकास यात्रा को वर्कशॉप एवं प्रेजेंटेशन के जरिए दर्शाया गया है।
वर्चुअल रियलिटी, इंटरेक्टिव प्रोजेक्शन से उम्दा अनुभव

यहां आने वाले लोगों को बेहतर अनुभव देने के लिए उद्देश्य से आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। इसमें 50 ऑडियो-विजुअल मॉडल, होलोग्राम, इंटरेक्टिव प्रोजेक्शन और वर्चुअल रियलिटी का उपयोग किया गया है। लोग यहां जीवाश्मों की प्रदर्शनी भी देख सकेंगे। इस स्थल पर स्थानीय कला, संस्कृति और भूकंप के बाद कच्छ की सफलता गाथा के साथ ही विज्ञान का एक अद्भुत समन्वय किया गया है।
डिजिटल मशाल से श्रद्धांजलि

लोग पुन: स्मरण ब्लॉक में बनी गैलरी में पहुंचकर भूकंप के शिकार बने नागरिकों को श्रद्धांजलि दे सकेंगे। यहां टच पैनल पर डिजिटल मशाल प्रज्जवलित करने पर वह एलईडी दीवार से होकर सीलिंग के बाहर एक प्रकाश बीम की तरह निकलेगी जिसे पूरे भुज शहर से देखा जा सकेगा।
कच्छ के विशेष रंग को शामिल करने के उद्देश्य से इस संग्रहालय की दीवारों और फ्लोर पर स्थानीय खावड़ा स्टोन का उपयोग किया गया है। इस पत्थर की विशेषता यह है कि यह समय के साथ-साथ लोगों की चहल-पहल से और अधिक मजबूत और खूबसूरत बन जाता है।
12932 पीडि़तों के नाम उकेरे गए

यह प्रोजेक्ट भुज के भुजिया डुंगर (पहाड़) पर 470 एकड़ क्षेत्र में निर्मित होगा। पहले चरण में 170 एकड़ क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है। इसमें 50 चेकडैम, सन पॉइंट, पाथवे, सडक़, एक मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र, 300 वर्ष से भी अधिक पुराने किले का नवीनीकरण, 3 लाख पौधों का रोपण, पूरे क्षेत्र में इलेक्ट्रिक लाइटिंग और 11,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में भूकंप को समर्पित संग्रहालय शामिल है। श्रद्धांजलि के रूप में यहां चेकडैम की दीवारों पर कुल 12,932 पीडि़त नागरिकों के नाम शिलापट्ट पर उकेरे गए हैं।
जापान और दक्षिण अफ्रीका में भी भूकंप को समर्पित संग्रहालय

जापान में कोबे अर्थक्वैक मेमोरियल म्यूजियम है, जहां भूकंप से बचे लोगों की कहानियां, प्रबंधन और स्थानांतरण से संबंधित गतिविधियों के बारे में बताया जाता है। भूकंप के बाद की परिस्थितियों का वर्णन भी यहां किया गया है। दक्षिण अफ्रीका में तुलबाग अर्थक्वैक म्यूजियम है, जहां स्थानीय लोग भूकंप से संबंधित अपने अनुभवों को वीडियो और प्रदर्शनियों के माध्यम से बताते हैं। इसी तरह अब भुज में भी भूकंप से संबंधित विशेष म्यूजियम लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

Hindi News / Ahmedabad / Gujarat: कच्छ के जज्बे को समर्पित विशेष संग्रहालय बनेगा लोगों के आकर्षण का केंद्र

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.