अहमदाबाद. नारोल-सरखेज हाइवे पर पीराणा डम्पिंग यार्ड में कूड़े के पहाड़ को हटाने की महानगरपालिका प्रशासन ने कवायद शुरू की है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम चल रहा है, जिससे खाद बनाई जाएगी। अहमदाबाद महानगरपालिका में हररोज करीब 3500 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जिसमें सिर्फ १००० टन या उससे कम ही कूड़े का निपटारा होता है, लेकिन महानगरपालिका ने अगले दो वर्षों में शहर को पूर्णत: स्वच्छ बनाने लक्ष्य रखा है। जहां पहले कूड़ा पिराणा डम्पिंग साइड पर डाला जाता है, लेकिन अब इस स्थान के बजाय अन्य स्थल पर कूड़े निपटारा करेगा। इसके लिए ग्यासपुर जमीन तलाशी की गई है, जहां कूड़े डाला जाएगा। मौजूदा समय में दो निजी कम्पनियों को कूड़े से आर्गेनिक खाद बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिनको एक-एक हजार मीट्रिक टन कचरे का निष्पादन करना है, लेकिन ये कम्पनियां एक हजार टन के बजाय सिर्फ 600 मीट्रिक टन ही कूड़े को खाद में बदलने की प्रक्रिया कर रही है। आगामी दिनों में इन प्लांट को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाएगा। एक अन्य कम्पनी निर्माण कंंपनी 300 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण कर रही है। इस बढ़ाकर एक हजार मीट्रिक टन किया जाएगा। खाद के अलावा कूड़े बिजली पैदा की जाएगी। कूड़े का निस्तारण करनेवाली कंपनी के एक अधिकारी ने बताया एक सप्ताह पहले ही काम शुरू किया है। हर रोज दो सौ टन से ज्यादा कूड़े का निस्तारण खाद बनाई जा रही है, लेकिन आगामी समय में यह क्षमता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया मौजूदा समय में जनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें सिर्फ बारह घंटे ही कार्य चल रही है। बिजली लगने के बाद चौबीस घंटे कार्य किया जाएगा। कालूभाई डम्पिंग साइट के निकट ही एक फैक्ट्री में काम करते हैं। वे बताते हैं कि कई वर्षों से कूड़ा डाला जाता था, जिसे बदबू से काफी परेशानी होती है। बारिश में तो बुरा हाल हो जाता है जब गीला कूड़ा होता है तो उसकी बदबू ज्यादा आती है और तेज हवा चलने से कूड़े के साथ धूल उड़ती है। वहां से कूड़ा हटाए जाने पर उन्होंने खुशी जताई और बताया कि पिछले एक सप्ताह से कूड़ा हटाया जा रहा है। कूड़ा हटने के बाद बदबू राहत मिलेगी। दीनू अंसारी बताते हैं कि पहले सड़क संकरी थी, जिससे बारिश में तो कूड़ा सड़क आ जाता था। हमेशा कूड़े का पहाड़ धंसने के भय बना रहता था, लेकिन अब महानगरपालिका ने अतिक्रण हटाकर सड़क चौड़ा कर दिया है। दो वर्ष पूर्व भारी बारिश में कूड़े का पहाड़ धंस गया, जिसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन कोई भी जनहानि नहीं हुई थी।