सिविल सेवा, प्रतियोगी परीक्षा और डिजिटलाइजेशन से बढ़ी मांग
बीते करीब तीन सालों से बीए की मांग जीयू में बढ़ी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि काफी लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, जिसके चलते अंग्रेजी, गुजराती, इतिहास, समाजशास्त्रा, राजनीति शास्त्र की मांग बढ़ी है। अर्थशास्त्र और सायक्लॉजी की भी अच्छी डिमांड है। कई युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ बीए करना पसंद कर रहे हंै। यह खर्चीला भी कम है और सिविल सेवा परीक्षा में तैयारी के लिहाज से अहम भी है। इसके अलावा डिजिटलाइजेशन के युग में गुजराती से अंग्रेजी, अंग्रेजी से गुजराती विषय की भी मांग बढ़ी है। प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होने का भी असर है। सभी कॉलेज ग्रांटेड हैं, जिससे फीस भी कम ही है।
-प्रो.जयेश सोलंकी, ओएसडी, बीए प्रवेश समिति, जीयू
बीते करीब तीन सालों से बीए की मांग जीयू में बढ़ी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि काफी लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, जिसके चलते अंग्रेजी, गुजराती, इतिहास, समाजशास्त्रा, राजनीति शास्त्र की मांग बढ़ी है। अर्थशास्त्र और सायक्लॉजी की भी अच्छी डिमांड है। कई युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ बीए करना पसंद कर रहे हंै। यह खर्चीला भी कम है और सिविल सेवा परीक्षा में तैयारी के लिहाज से अहम भी है। इसके अलावा डिजिटलाइजेशन के युग में गुजराती से अंग्रेजी, अंग्रेजी से गुजराती विषय की भी मांग बढ़ी है। प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होने का भी असर है। सभी कॉलेज ग्रांटेड हैं, जिससे फीस भी कम ही है।
-प्रो.जयेश सोलंकी, ओएसडी, बीए प्रवेश समिति, जीयू
विदेश जाने वालों के चलते बढ़ी अंग्रेजी की मांग
बड़ी संख्या में विद्यार्थी विदेश जाने के लिए भी तैयारी करते हैं, जिसके चलते भी अंग्रेजी विषय से बीए की मांग बढ़ी है। डिजिटलाइजेशन के जमाने में कंटेट की मांग बढ़ी है। फिर स्कूल से लेकर कॉलेज तक अंग्रेजी का सभी में क्रेज है।
-प्रो.नितेश सोलंकी, एसोसिएट प्रोफेसर, सी.यू.शाह, अहमदाबाद
बड़ी संख्या में विद्यार्थी विदेश जाने के लिए भी तैयारी करते हैं, जिसके चलते भी अंग्रेजी विषय से बीए की मांग बढ़ी है। डिजिटलाइजेशन के जमाने में कंटेट की मांग बढ़ी है। फिर स्कूल से लेकर कॉलेज तक अंग्रेजी का सभी में क्रेज है।
-प्रो.नितेश सोलंकी, एसोसिएट प्रोफेसर, सी.यू.शाह, अहमदाबाद