अहमदाबाद. अब भारत में भी हाई स्पीड ट्रेन (Bullet Trainबुलेट ट्रेन) के डिब्बों को बनाने की राह आसान होती दिखाई दे रही है। इसे संभव करने की दिशा में IIT Gandhinagar भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गांधीनगर के प्राध्यापक Professor Amit Arora प्रोफेसर अमित अरोड़ा एवं उनकी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसके तहत उन्होंने एक ऐसा पदार्थ तैयार किया है, जो न सिर्फ मौजूदा समय में बुलेट ट्रेन के निर्माण में उपयोग में लिए जाने वाले एल्युमिनियम से हल्का बल्कि उससे 25 फ़ीसदी ज्यादा मजबूत और ढाई गुना तक ज्यादा लचीला (ढाला जा सकता) है।
इसकी इसी खूबी के चलते इस पदार्थ के जरिए बुलेट ट्रेन के डिब्बों को भारत में भी बनाना संभव हो सकता है, क्योंकि अभी समस्या भारत में एल्युमिनियम को ढालने में आती है। इस पदार्थ के जरिए उसे आसानी से ढाला जा सकता है।
इतना ही नहीं यह पदार्थ विमान, हेलीकॉप्टर एवं जहाज के उपकरण बनाने में भी काफी उपयोगी साबित हो सकता है, क्योंकि यह एल्युमिनियम से ज्यादा हल्का और मजबूत भी है, जिसकी विमानन क्षेत्र की कंपनियों को जररूत है।
कार एवं बसों की बॉडी बनाने में भी इसका उपयोग ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है। इससे बनी कार और बस की बॉडी (ढांचा) ज्यादा मजबूत होगी। साथ ही उसका जल्दी क्षरण भी नहीं होता है।
प्रोफेसर अरोड़ा बताते हैं कि इस पदार्थ को उन्होंने एल्युमीनियम एवं प्लास्टिक ( पॉलिमर) के मिश्रण से नई पद्धति के जरिए तैयार किया है। इसमें मौजूद प्लास्टिक गर्म किए जाने पर भी नष्ट नहीं होता बल्कि इस पदार्थ के अंदरूनी हिस्से में तरलता को उपलब्ध कराता है,जबकि एल्युमीनियम बाहरी हिस्से को बेहतर मजबूती प्रदान करता है। इसके चलते यह ऊपर से मजबूत और अंदर से ज्यादा लचीला है। इस कारण ज्यादा ढलाई की जा सकती है और इसे अलग-अलग आकार दिए जा सकते हैं। जांच में पाया गया कि ये नया पदार्थ एल्युमिनियम से 25 प्रतिशत ज्यादा मजबूत और ढाई गुना ज्यादा ढलाई की खूबी वाला है। इसकी प्लास्टिक की विशेषता की वजह से इसे एल्युमिनियम की तुलना में ढाई गुना ज्यादा ढाला जा सकता है। इसके अलावा ये मजबूती भी बढ़ाता है क्योंकि प्लास्टिक की विशेषता भी इसमें मिश्रित हो जाती हैं। इसे एपीसी Aluminium polymer composites (एल्युमिनियम पॉलिमर कंपोजिट) नाम दिया है। इसका जल्द Corrosion क्षरण भी नहीं होता है। इसका Patent पेटेंट भी फाइल किया गया है।
इसकी इसी खूबी के चलते इस पदार्थ के जरिए बुलेट ट्रेन के डिब्बों को भारत में भी बनाना संभव हो सकता है, क्योंकि अभी समस्या भारत में एल्युमिनियम को ढालने में आती है। इस पदार्थ के जरिए उसे आसानी से ढाला जा सकता है।
इतना ही नहीं यह पदार्थ विमान, हेलीकॉप्टर एवं जहाज के उपकरण बनाने में भी काफी उपयोगी साबित हो सकता है, क्योंकि यह एल्युमिनियम से ज्यादा हल्का और मजबूत भी है, जिसकी विमानन क्षेत्र की कंपनियों को जररूत है।
कार एवं बसों की बॉडी बनाने में भी इसका उपयोग ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है। इससे बनी कार और बस की बॉडी (ढांचा) ज्यादा मजबूत होगी। साथ ही उसका जल्दी क्षरण भी नहीं होता है।
प्रोफेसर अरोड़ा बताते हैं कि इस पदार्थ को उन्होंने एल्युमीनियम एवं प्लास्टिक ( पॉलिमर) के मिश्रण से नई पद्धति के जरिए तैयार किया है। इसमें मौजूद प्लास्टिक गर्म किए जाने पर भी नष्ट नहीं होता बल्कि इस पदार्थ के अंदरूनी हिस्से में तरलता को उपलब्ध कराता है,जबकि एल्युमीनियम बाहरी हिस्से को बेहतर मजबूती प्रदान करता है। इसके चलते यह ऊपर से मजबूत और अंदर से ज्यादा लचीला है। इस कारण ज्यादा ढलाई की जा सकती है और इसे अलग-अलग आकार दिए जा सकते हैं। जांच में पाया गया कि ये नया पदार्थ एल्युमिनियम से 25 प्रतिशत ज्यादा मजबूत और ढाई गुना ज्यादा ढलाई की खूबी वाला है। इसकी प्लास्टिक की विशेषता की वजह से इसे एल्युमिनियम की तुलना में ढाई गुना ज्यादा ढाला जा सकता है। इसके अलावा ये मजबूती भी बढ़ाता है क्योंकि प्लास्टिक की विशेषता भी इसमें मिश्रित हो जाती हैं। इसे एपीसी Aluminium polymer composites (एल्युमिनियम पॉलिमर कंपोजिट) नाम दिया है। इसका जल्द Corrosion क्षरण भी नहीं होता है। इसका Patent पेटेंट भी फाइल किया गया है।
प्लास्टिक प्रदूषण से भी दिलाएगा छुटकारा यह पदार्थ Plastic प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से हो रहे प्रदूषण से भी छुटकारा दिलाने में मददगार होगा। क्योंकि इसे किसी भी प्रकार के प्लास्टिक को मिश्रित किया जा सकता है। यहां तक कि प्लास्टिक के कचरे को भी। इस कारण ये प्लास्टिक के कचरे से बढ़ रहे प्रदूषण की चिंता से भी निजात दिलाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की बात कही है। इसके लिएलोगों को भी मुहिम छेडऩे को कहा है।
नए पदार्थ को बनाने (विकसित करने) वाली भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गांधीनगर के प्राध्यापक Professor Amit Arora प्रोफेसर अमित अरोड़ा एवं उनकी टीम में IIT Kharagpur आईआईटी खडग़पुर के Professor Chandra Sekhar प्रोफेसर चंद्रशेखर तिवारी एवं आईआईटी गांधीनगर के पीएचडी के छात्र अर्पण राउत, महेश वी पी एवं एमटेक छात्र अनुराग गुमास्ते भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की बात कही है। इसके लिएलोगों को भी मुहिम छेडऩे को कहा है।
नए पदार्थ को बनाने (विकसित करने) वाली भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गांधीनगर के प्राध्यापक Professor Amit Arora प्रोफेसर अमित अरोड़ा एवं उनकी टीम में IIT Kharagpur आईआईटी खडग़पुर के Professor Chandra Sekhar प्रोफेसर चंद्रशेखर तिवारी एवं आईआईटी गांधीनगर के पीएचडी के छात्र अर्पण राउत, महेश वी पी एवं एमटेक छात्र अनुराग गुमास्ते भी शामिल हैं।