हवाई अड्डों एवं मेट्रो रेल में अग्नि सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी आईआईटी-गांधीनगर अपने सेंटर फॉर सेफ्टी इंजीनियरिंग (सीएसई) से सुरक्षा क्षेत्र में उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अनुसरण करता है, जो सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो मुख्य रूप से अग्नि सुरक्षा पर केंद्रित है। अंडरराइटर्स लेबोरेटरी, यूएसए के सहयोग से आईआईटी-गांधीनगर में दक्षिण एशिया में पहली फसाड अग्नि परीक्षण सुविधा भी स्थापित की गई थी। नई प्रयोगशाला इमारतों के तत्वों के महत्वपूर्ण परीक्षण के माध्यम से ऊंची इमारतों, हवाई अड्डों, मेट्रो रेल और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अग्नि सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी।
इसके साथ, संस्थान अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग पर विशेष जोर देने के साथ सेंटर फॉर सेफ्टी इंजीनियरिंग की विभिन्न गतिविधियों को भी बढ़ाने जा रहा है। इनमें प्रयोगशाला विकास और संवर्द्धन, पाठ्यक्रमों का शिक्षण, प्रख्यात विद्वानों को अतिथि प्रोफेसरों या निवासीय विद्वानों के रूप में आमंत्रित करना, और इस क्षेत्र में सेमिनार, सम्मेलन, या अन्य विद्वतापूर्ण प्रयासों का आयोजन शामिल होगा।
आईआईटी-गांधीनगर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. अमित प्रशांत ने कहा कि आवासीय और औद्योगिक परियोजनाओं में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के उपयोग मे तेजी से हो रहे बदलाव के साथ, अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग में उन्नत अनुसंधान और शिक्षा की आवश्यकता है ताकि आग के विभिन्न खतरों के परिदृश्यों में भविष्य की चुनौतियों तैयार हुआ जा सके।
कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर मुकेश शाह कहा कि “एएएजी इंडिया हमेशा अग्नि सुरक्षा के उद्देश्य का समर्थन करती रही हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों और अंत:विषय अनुसंधान में आग के खतरों के विभिन्न परिदृश्यों को कम करने के लिए प्रभावी समाधान प्रदान करने की क्षमता है।