सेन ने कहा कि पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के कथित घोटाले का जो मामला सामने आया है, उसमें बैंक की ओर से दी गई रिपोर्ट और ऑडिट की गई रिपोर्ट के विश्वस्त न होने का अहम रोल है। इसके चलते यह सीख लेने की जरूरत है कि आरबीआई और रेग्युलेशन अथोरिटी को बैंकों या ऑडिटर की ओर से दी गई रिपोर्ट पर पूरी तरह से विश्वास करने की जरूरत नहीं है। उन्हें खुद भी जांच करनी चाहिए। संभव हो वहां तक रियल टाइम मॉनीटरिंग का तकनीक की मदद से सिस्टम विकसित करना चाहिए।