अहमदाबाद. अगर आप कार लेकर लंबी दूरी पर निकले हैं और बीच रास्ते में आपका टायर पंक्चर हो जाए तो उस व्हील को बदलने की जरूरत नहीं है। टायर के पंक्चर होने के बावजूद भी आप बिना रुके करीब ५० किलोमीटर तक कार को सुरक्षित ले जा सकेंगे। इसेसे जुड़ा इनोवेशन किया है सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज दाहोद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग फाइनल ईयर के छात्र मयूर माहला, गौरव चाले और कार्तिक पटेल ने। तीनों ही छात्रों ने करीब दो साल की मेहनत के बाद प्रोफेस आशीष गुप्ता के मार्गदर्शन में एक ऐसी सिस्टम, उपकरण विकसित किए हैं, जिसके कारण चलती हुई कार का टायर पंक्चर होने के बावजूद भी टायर में हवा कम नहीं होगी। कार में लगी सिस्टम टायर को हवा उपलब्ध कराती रहेगी। इस इनोवेशन को एसएसआईपी कॉन्फ्रेंस के दौरान ईडीआई भाट में प्रदर्शित किया गया। शिक्षामंत्री ने भरी सभा में इस इनोवेशन की तारीफ की। मयूर बताते हैं कि उन्होंने रोटरी जॉइन, हैडर (कम्प्रेस्ड एयर टैंक) और कम्प्रेशर की मदद से इस सिस्टम को विकसित किया है। रोटरी जोइन के जरिए मूविंग टायरों में कनेक्शन करते हैं। उसे हैडर और कम्प्रेशर से जोड़ा है। हैडर में सेंसर लगा है, जिससे टायर में हवा कम होते ही सेंसर स्वत: चालू हो जाता है और वह हैडर को संकेत देता है, जिससे हेडर से हवा टायर में जानी शुरू हो जाती है। सेंसर की मदद से टायर में ३३ पीएसआई हवा का दबाव बनाए रखा जाता है। जिसके चलते आपको रास्ते में टायर बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ५० किलोमीटर से ७० किलोमीटर बिना परेशानी जा सकेंगे। गर्मियों में रोड की गर्मी के चलते टायरों में गर्मी बढऩे से भी दबाव बढ़ता है। ऐसे में हैडर में लगा सेफ्टी बॉल अतिरिक्त हवा के दबाव को भी स्वत: निकाल देता है।