बताया जाता है कि गत दिनों नई दिल्ली से लौटने के बाद उन्हें बुखार आया था।। गत 7 दिसम्बर को उन्हें डेंगू होने का पता चला। ऊंझा में दो दिनों तक उपचार चला। बाद में उन्हें अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डेंगू होने के बाद उनके फेफड़े व किडनी में जटिलताएं पैदा हो गई इसलिए उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।
आशाबेन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मेहसाणा जिले की ऊंझा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनी गई थीं। हालांकि उन्होंने बाद में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और वर्ष 2019 में वे भाजपा से जुड़ीं। इसके बाद इसी सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की।