उन्होंने कहा कि वे कार्यकर्ताओं का सहयोग चाहेंगे। वे भले ही अनुभवी नहीं हों लेकिन उनके प्रयत्न पूरी तरह प्रामाणिक होंगे और वे अपनी पूरी क्षमता व ताकत के साथ बेहतर परिणाम लाने का प्रयास करेंगे। वे भी एक मनुष्य हैं और उनकी पसंद-नापपंसद हो सकती है। लेकिन उनकी ये बातें पार्टी की अच्छाई को प्रभावित नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उन्हें सहयोग मिलेगा और पार्टी का हित ही उनके लिए एकमात्र आधार होगा। उन्होंने पार्टी के हित में अपने निजी हितों को बीच में नहीं लाने का भी पूरा आश्वासन दिया।
पहले कोने में बैठते थे, अब स्टेज पर दी गई जगह पाटिल के मुताबिक जिम्मेवारी देना एक प्रक्रिया है। वे इस सभागार में पहले भी आए हैं लेकिन वे श्रोता के रूप में कहीं कोने में बैठते थे। हालांकि पार्टी ने उन्हें पहली बार स्टेज पर जगह दी गई है और वे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में स्थान दिया गया है। कोने से स्टेज पर लाने की बात सिर्फ भाजपा में ही संभव है कांग्रेस में ऐसा कभी संभव नहीं हो सकता। भाजपा की पार्टी पद्धति में कोई आवेदन नहीं भरना होता है और न ही कतार लगाना पड़ता है। पार्टी के नेता हमेशा निगाह रखते हैं और जिम्मेवारी देने के लिए चयन का निर्णय करते हैं।