एटीएस ने सूचना के आधार पर 24 जनवरी को आणंद जिले की खंभात तहसील के नेजा गांव में स्थित ग्रीनलाइफ इंडस्ट्रीज में दबिश देकर ड्रग्स अल्प्राजोलम का 107 किलोग्राम का तैयार माल जब्त किया था। इसकी कीमत 107 करोड़ है। इसके अलावा 30 लाख की नकदी जब्त की थी और छह आरोपियों को पकड़ा था।पकड़े गए आरोपियों में मुथ्य आरोपी रणजीत डाभी की पूछताछ में पता चला कि उसने धोलका के एक गोदाम में अन्य ड्रग्स ट्रामाडोल का तैयार माल भी छिपा रखा है। इसके आधार पर एटीएस की टीमों ने धोलका के देवम इंडस्टि्रयल एस्टेट के 54 नंबर के गोदाम में दबिश दी। जहां से ट्रामाडोल का 500 किलोग्राम तैयार माल जब्त किया। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 करोड़ है।
8 माह से रखा था यह माल, किराए पर था गोदाम
के सिद्धार्थ ने बताया कि आरोपी रणजीत की पूछताछ में सामने आया कि उसने धोलका में भी किराए पर गोदाम लिया था। इस गोदाम में ट्रामाडोल का 500 किलोग्राम का पाउडर रूप में तैयार माल आठ महीने से छिपाकर रखा था। यह पूरा तैयार माल है, जिसे सिर्फ गोली के रूप में ढालना ही है। इस माल को तैयार करने में भी रणजीत डाभी के साथ उसके अन्य सहयोगी विजय मकवाणा, हेमंत पटेल , लालजी मकवाणा और जयदीप मकवाणा शामिल हैं। अब तक की जांच में मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी अजय जैन की लिप्तता सामने नहीं आई है। यह सभी छह आरोपी 30 जनवरी तक रिमांड पर हैं। ऐसे में खंभात और धोलका से बरामद अल्प्राजोलम और ट्रामाडोल के तैयार माल की कुल कीमत 157 करोड़ रुपए है।
अफ्रीकी देशों में डिमांड
एटीएस एसपी ने बताया कि ट्रामाडोल एक प्रिस्क्राइब ड्रग है। इसकी अफ्रीकी देशों में डिमांड रहती है। इन आरोपियों की भी ट्रमाडोल को अफ्रीकी देशों में भेजने की योजना हो सकती है। वैसे इससे पहले अगस्त में एटीएस ने ट्रामाडोल के साथ पकड़ा था। उनकी पूछताछ में पता चला था कि वे उसे बाहरी देश में भेजने वाले थे।