गुजरात में बुधवार सुबह तक मौसम की हो चुकी 93 फीसदी से अधिक बारिश के चलते बांधों में पानी का संग्रह लगातार बढ़ा है। राज्य के प्रमुख 207(नर्मदा समेत) बांधों में से 49 शत प्रतिशत भर गए हैं। इन समेत 78 बांध हाई अलर्ट पर हैं। राज्य के सबसे बड़े सरदार सरोवर नर्मदा बांध में बुधवार सुबह तक 85.63 फीसदी जल संग्रह हो गया है।
प्रदेश के इन सभी प्रमुख बांधों में जलसंग्रह की क्षमता 25265.84 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है। इसके मुकाबले अब तक 19377 एमसीएम पानी जमा हो चुका है, जो 76.69 फीसदी है। इनमें से सबसे अधिक 9460 एमसीएम की क्षमता वाले नर्मदा बांध में 8100.20 एमसीएम (85.63 फीसदी) जल संग्रह हो चुका है। 139.68 मीटर ऊंचाई वाले इस बांध का जलस्तर 134.32 मीटर तक पहुंच गया। ऊपरी क्षेत्रों से लगातार पानी आने से बांध से नर्मदा नदी और मुख्य नहर में पानी छोडऩा पड़ रहा है।
49 बांध पूरी तरह से भर जाने पर चादर चली हुई है। इन समेत कुल 79 बांधों में 90 फीसदी से अधिक जल संग्रह हो गया है। इनमें से महिसागर जिले के वाणकबोरी बांध को छोडकऱ सभी 78 को हाईअलर्ट घोषित किया है। इनके अलावा 16 बांधों में 80 फीसदी से अधिक और 90 फीसदी से कम जल संग्रह होने पर अलर्ट और 17 बांधों में 70 फीसदी से अधिक और 80 फीसदी से कम संग्रह होने पर सामान्य चेतावनी दी गई है। 95 बांधों में क्षमता के मुकाबले 70 फीसदी से कम संग्रह हुआ है।
दक्षिण गुजरात के बांधों में 76 फीसदी जल संग्रह
प्रदेश में जल संग्रह के मामले में सबसे बेहतर स्थिति दक्षिण गुजरात रीजन की है। इस रीजन के प्रमुख 13 बांधों में से आठ बांध सौ फीसदी भर गए हैं। कुल जलसंग्र की क्षमता 8624.76के मुकाबले अब तक 6585.12 एमसीएम जलसंग्रह हो गया है। यह 76.12 फीसदी है। रीजन के आधार पर उत्तर गुजरात के 15 बांधों में 1929.29 एमसीएम की क्षमता के मुकाबले अब तक 1136.18 एमसीएम पानी का संग्रह हुआ है जो 58.89 फीसही है। इस रीजन का एक बांध भी पूरी तरह से नहीं भरा है।
प्रदेश के इन सभी प्रमुख बांधों में जलसंग्रह की क्षमता 25265.84 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है। इसके मुकाबले अब तक 19377 एमसीएम पानी जमा हो चुका है, जो 76.69 फीसदी है। इनमें से सबसे अधिक 9460 एमसीएम की क्षमता वाले नर्मदा बांध में 8100.20 एमसीएम (85.63 फीसदी) जल संग्रह हो चुका है। 139.68 मीटर ऊंचाई वाले इस बांध का जलस्तर 134.32 मीटर तक पहुंच गया। ऊपरी क्षेत्रों से लगातार पानी आने से बांध से नर्मदा नदी और मुख्य नहर में पानी छोडऩा पड़ रहा है।
49 बांध पूरी तरह से भर जाने पर चादर चली हुई है। इन समेत कुल 79 बांधों में 90 फीसदी से अधिक जल संग्रह हो गया है। इनमें से महिसागर जिले के वाणकबोरी बांध को छोडकऱ सभी 78 को हाईअलर्ट घोषित किया है। इनके अलावा 16 बांधों में 80 फीसदी से अधिक और 90 फीसदी से कम जल संग्रह होने पर अलर्ट और 17 बांधों में 70 फीसदी से अधिक और 80 फीसदी से कम संग्रह होने पर सामान्य चेतावनी दी गई है। 95 बांधों में क्षमता के मुकाबले 70 फीसदी से कम संग्रह हुआ है।
दक्षिण गुजरात के बांधों में 76 फीसदी जल संग्रह
प्रदेश में जल संग्रह के मामले में सबसे बेहतर स्थिति दक्षिण गुजरात रीजन की है। इस रीजन के प्रमुख 13 बांधों में से आठ बांध सौ फीसदी भर गए हैं। कुल जलसंग्र की क्षमता 8624.76के मुकाबले अब तक 6585.12 एमसीएम जलसंग्रह हो गया है। यह 76.12 फीसदी है। रीजन के आधार पर उत्तर गुजरात के 15 बांधों में 1929.29 एमसीएम की क्षमता के मुकाबले अब तक 1136.18 एमसीएम पानी का संग्रह हुआ है जो 58.89 फीसही है। इस रीजन का एक बांध भी पूरी तरह से नहीं भरा है।
सौराष्ट्र में 24 बांध पूरी तरह भरे सबसे अधिक 141 बांधों वाले सौराष्ट्र रीजन में 24 बांध लबालब हो गए हैं। इस रीजन में करीब 66 फीसदी जल संग्रह हुआ है। कच्छ रीजन के 20 बांधों में से 14 में 100 फीसदी जल संग्रह हो गया है। इस रीजन के बांधों में क्षमता का 72.63 फीसदी जल संग्रह हो गया है। मध्य गुजरात के 17 बांधों में से तीन में चादर चल गई है। रीजन में अब तक 68.93 फीसदी जल संग्रह हो गया है।