इसमें एक मुख्य परीक्षा मार्च महीने में ली जाएगी, जबकि दूसरी परीक्षा जुलाई महीने में पूरक परीक्षा के रूप में ली जाएगी। इसमें से जिस परीक्षा में ज्यादा अंक होंगे उस परीक्षा के परिणाम को ध्यानार्थ लिया जाएगा। इसे बेस्ट ऑफ टू का नाम दिया गया है। अभी भी जुलाई महीने में पूरक परीक्षा ली जाती है, लेकिन वह फेल होने वाले विषयों में से सीमित विषयों में ली जाती है। नए निर्णय के तहत सभी विषयों की परीक्षा देने का विकल्प रहेगा।
इसकी घोषणा गुरुवार को शिक्षामंत्री डॉ.कुबेर डिंडोर और शिक्षा राज्यमंत्री प्रफुल पानशेरिया की ओर से सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से की गई। इसमें दोनों ही मंत्रियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात के शिक्षा विभाग के एक और महत्वपूर्ण निर्णय किया है। जिसके तहत 12वीं सामान्य संकाय और 10वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को भी बेस्ट ऑफ टू के प्रावधान के तहत अपने परिणाम को सुधारने का मौका मिलेगा। यह मौका पूरक परीक्षा के तहत ही दिया जाएगा।