अहमदाबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी के. राजेश को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।
चार दिन की रिमाण्ड अवधि पूरी होने पर सीबीआइ ने राजेश को सोमवार को विशेष अदालत में पेश किया। जांच एजेंसी की ओर से इस मामले में और पूछताछ के लिए 10 दिनों के अतिरिक्त रिमाण्ड की मांग की गई।
हालांकि आरोपी अधिकारी की ओर से कहा गया है कि जमीन मामले व हथियार मामले एक ही व्यक्ति से जुड़े हैं और इस मामले में दो बार रिमाण्ड नहीं मांगा जा सकता। इसके बाद अदालत ने जांच एजेंसी की अतिरिक्त रिमाण्ड की मांग नहीं स्वीकारते हुए आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया।
सीबीआई ने आरोपी अधिकारी को गत बुधवार देर रात गिरफ्तार किया था। 36 वर्षीय राजेश वर्ष 2011 बैच के आइएएस अधिकारी हैं जिन्हें अब निलंबित कर दिया गया है।
सीबीआई ने अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया है कि आरोपी ने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए पुलिस की नेगेटिव रिपोर्ट के बावजूद गैरकानूनी रूप से 271 ह्िरथयारों का लाइसेंस जारी किया। साथ ही आरोपी ने सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से आवंटित कर घोटाला करते हुए लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है।
इससे पहले सीबीआई की टीम ने आरोपी आइएएस अधिकारी के गांधीनगर, सूरत और आंध्र प्रदेश स्थित उनके गृहनगर राजमुंद्री में छापे की कार्रवाई की थी।। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत पाए गए थे।
इस मामले में सीबीआइ ने गत मई महीने में बिचौलिए रफीक मेमण को सूरत से गिरफ्तार किया था। सीबीआइ इस मामले में दोनों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर चुकी है।