भगवान राम का जीवन दर्शन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत: राज्यपाल
अहमदाबाद. भारतीय संस्कृति में भगवान श्रीराम और योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित इन दो महापुरुषों का बहुत महत्व रहा है। इसमें से मानव जीवन को नई चेतना, नए विचार और चिंतन मिलता है। यह बात रविवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से कही।
वे भारतीय शिक्षक मंडल हरियाणा के तत्वावधान में दीनबन्धु छोटूराम विज्ञान प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय सोनीपत के सहयोग से आयोजित ‘भगवान राम लोकचेतना के जननायक, संस्कृति और साहित्यÓ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सांप्रत समय में पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में भौतिकवाद में रचेबसे परिवार विभक्त हो रहे हैं और समाज टूट रहा है। ऐसे समय में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामजी का जीवन दर्शन नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बना है। जीवन की किसी भी समस्या का निराकरण भगवान रामजी के जीवन चरित्र में से मिलता है।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीराम ने शासन और वैभवी जीवन का त्याग करके पिता की आज्ञा का पालन माता के प्रति सम्मानजनक व्यवहार, पत्नी के प्रति कर्तव्य परायण प्रेम, भाई के प्रति भातृप्रेम जैसे आदर्शों के साथ सही अर्थों में मर्यादा पुरुषोत्तम के दर्शन करवाए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सदियों से भगवान श्रीराम का महत्व स्वीकार किया गया है। ऐसे में इस वेबिनार से भगवान श्रीराम समग्र विश्व में लोकचेतना के जननायक के तौर पर प्रस्थापित होंगे।