पटेल का जन्म पाटण जिले के लणवा गांव में 8 मार्च 1944 को हुआ था।उनकी प्राथमिक शिक्षा लणवा गांव में और माध्यमिक शिक्षा कड़ी सर्व विद्यालय में हुई थी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई वल्लभविद्यानगर से करने के बाद एम.टेक करने के लिए वे अमरीका चले गए थे।
वल्लभविद्यानगर में पढ़ाई करते समय उन्होंने शिक्षा नगरी स्थापित करने का सपना देखा था। इसके लिए नौकरी करने के लिए अमरीका चले गए थे। बाद में नौकरी छोडक़र वापस आ गए और महेसाणा को कर्मभूमि बना लिया। महेसाणा आने के बाद पटेल ने उद्योग शुरू किया और समाज सेवा से जुड़ गए। 38 वर्ष की उम्र में वे नागलपुर कॉलेज के प्रबंध न्यासी बने।
उन्होंने गणपत यूनिवर्सिटी की स्थापना की और संस्थापक संवर्धक बने। महेसाणा विधानसभा से वे दो बार वर्ष 2002 व 2007 में विधायक चुने गएऔर गुजरात के उद्योग मंत्री रहे। महेसाणा जीआईडीसी के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। ऊंझा के उमिया माता संस्थान के अध्यक्ष भी रहे। अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर गणपत यूनिवर्सिटी में रखा गया था। यहां राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और अग्रणियों ने अंतिम दर्शन किया और श्रद्धांजलि दी। यहां से उनके पार्थिव शरीर को महेसाणा लाया गया और शहर के सार्वजनिक मार्गों पर घुमाया गया। शाम को उनका अंतिम संस्कार महेसाणा में किया गया।
दिवंगत पटेल को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धाजलि
गांधीनगर. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गुजरात के पूर्व उद्योग मंत्री व गणपत यूनिवर्सिटी खेरवा के अध्यक्ष अनिल पटेल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सदगत को श्रद्धांलि दी है।
श्रद्धांजलि संदेश में उन्होंने दिवंगत पटेल के सामाजिक योगदान की सराहना की है।
पटेल के निधन पर वाघाणी ने दी श्रद्धांजलि
गांधीनगर. राज्य सरकार के पूर्व मंत्री व सामाजिक अग्रणी अनिल पटेल के निधन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतु वाघाणी ने शोक व्यक्त किया है।अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा है कि पटेल राज्य व विशेषकर उत्तर गुजरात के व्यापार, उद्योग,धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े थे। इनके विकास में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था।
वे दो बार विधायक व राज्य सरकार में उद्योग मंत्री रहे। महेसाणा जिले की गणपत यूनिवर्सिटी की स्थापना कर उन्होंने शिक्षा जगत में विशेष योगदान दिया। उनके निधन से भाजपा ने एक अग्रणी खो दिया है। वाघाणी ने उनके परिवार को सांत्वना दी है।