अहमदाबाद. भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एक्जीक्यूटिव्स (पीजीपीएक्स) में ‘आधी आबादी’ (छात्राओं) की संख्या बढ़ी है।
वर्ष २०१९-२० के बैच में वर्ष २०१८-१९ की तुलना में छात्राओं में छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पीजीपीएक्स कोर्स के चेयरमैन प्रोफेसर अरिंदम बनर्जी के अनुसार वर्ष २०१९-२० के बैच में कुल १४० विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिसमें 23 फीसदी छात्राएं हैं। बैच २०१८-१९ के बैच में १७ प्रतिशत छात्राएं थीं। इस बार इसमें वृद्धि हुई है।
नए बैच में काफी अनुभवी विद्यार्थी आए हैं। जिनका औसत कार्य अनुभव ८.९ वर्ष है। ३५ फीसदी विद्यार्थी विदेशों में काम कर चुके हैं। 21 उद्योगों के बहुविध और 140 कंपनियों में काम कर चुके लोग इस बैच में हैं। इस बैच की औसत आयु ३२ साल की है।
पीजीपीएक्स कोर्स में प्रवेश पाने वालीं एक छात्रा शैली अग्रवाल भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर रह चुकी हैं। शैली कहती हैं कि अन्य पाठ्यक्रमों की तुलना में इसमें बहुविध पृष्ठभूमि, संस्कृति, भूमिका निभाने के अनुभवी लोगों का होना इसकी अहमियत को बढ़ाता है। संस्थान की ओर से वर्ष २००६ से इस कोर्स की शुरुआत की गई, जिसके तहत अब तक एक हजार विद्यार्थी यह कोर्स कर चुके हैं।
वर्ष २०१९-२० के बैच में वर्ष २०१८-१९ की तुलना में छात्राओं में छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पीजीपीएक्स कोर्स के चेयरमैन प्रोफेसर अरिंदम बनर्जी के अनुसार वर्ष २०१९-२० के बैच में कुल १४० विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिसमें 23 फीसदी छात्राएं हैं। बैच २०१८-१९ के बैच में १७ प्रतिशत छात्राएं थीं। इस बार इसमें वृद्धि हुई है।
नए बैच में काफी अनुभवी विद्यार्थी आए हैं। जिनका औसत कार्य अनुभव ८.९ वर्ष है। ३५ फीसदी विद्यार्थी विदेशों में काम कर चुके हैं। 21 उद्योगों के बहुविध और 140 कंपनियों में काम कर चुके लोग इस बैच में हैं। इस बैच की औसत आयु ३२ साल की है।
पीजीपीएक्स कोर्स में प्रवेश पाने वालीं एक छात्रा शैली अग्रवाल भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर रह चुकी हैं। शैली कहती हैं कि अन्य पाठ्यक्रमों की तुलना में इसमें बहुविध पृष्ठभूमि, संस्कृति, भूमिका निभाने के अनुभवी लोगों का होना इसकी अहमियत को बढ़ाता है। संस्थान की ओर से वर्ष २००६ से इस कोर्स की शुरुआत की गई, जिसके तहत अब तक एक हजार विद्यार्थी यह कोर्स कर चुके हैं।