अहमदाबाद

दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी गिरफ्तार

Dudhsagar dairy, vipul chaudhary, arrested, cid crime, Gujarat, mahesana सीआईडी क्राइम ने गांधीनगर से पकड़ा, डेयरी के चुनाव से पहले गिरफ्तारी से राजनीति गरमाई

अहमदाबादDec 13, 2020 / 04:43 pm

nagendra singh rathore

दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी गिरफ्तार

महेसाणा/अहमदाबाद. दूधसागर डेयरी, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व गृहराज्यमंत्री विपुल चौधरी को सीआईडी क्राइम ने गिरफ्तार किया है। उन पर डेयरी के कर्मचारियों के बोनस के १४.८० करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी की गई है।
दूधसागर डेयरी के जनवरी २०२१ में चुनाव होने वाले हैं उससे पहले चौधरी की गिरफ्तारी से राजनीति भी गरमा गई है। चौधरी को अदालत में पेश करने पर अदालत ने चौधरी का चार दिन का रिमांड मंजूर किया है। चौधरी शंकर सिंह वाघेला की राजपा सरकार में गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।
दरअसर इस घोटाले का मूल भी वर्ष २०१३ में महेसाणा सहकारी दूध उत्पाद संघ की ओर से महाराष्ट्र में मुफ्त में भेजे गए २२.५० करोड़ रुपए के सागर दाना (पशुदाना) से जुड़ा है। २०१४ में महेसाणा के बी डिवीजन थाने में चौधरी के विरुद्ध इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में राज्य के सहकारी रजिस्ट्रार ने विपुल चौधरी को दोषी करार देते हुए जनवरी २०१५ में नोटिस जारी कर २२.५० करोड़ की ४० फीसदी राशि यानि नौ करोड़ से ज्यादा की रकम अक्टूबर १९ से पहले महेसाणा सहकारी दूध उत्पादक संघ में जमा कराने का निर्देश दिया था। आरोप है कि नौ करोड़ की राशि को जमा कराने के लिए चौधरी ने अपने करीबी सदस्यों, निदेशकों, अधिकारियों की मदद से संघ व डेयरी के अधिकारी व कर्मचारियों को बोनस के रूप में दिए जाने वाले एक वेतन से ज्यादा बोनस देने का निर्णय किया।
आरोप है कि चौधरी ने उनके करीबी और सहयोगियों, निदेशकों, अधिकरियों की मदद से षडयंत्र रचते हुए १९३२ कर्मचारियों के खातों में आई बोनस की १४.८० करोड़ रुपए की राशि को गैर प्रमाणिक तरीके से कपट पूर्वक नकद और चेक के जरिए निकाल लिया। ऐसा करके उन्होंने संघ की ओर से उन्हें दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग किया और संघ के पैसों का घोटाला किया है। इस मामले में भगवान चौधरी ने सीआईडी क्राइम के गांधीनगर जोन में चौधरी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें चौधरी की शनिवार को गिरफ्तारी की गई है।
चौधरी ने किया घोटाले से इनकार, बोले कर्ज लेकर भरी राशि
विपुल चौधरी की ओर से इस मामले में बयान जारी कर घोटाले के आरोप से इनकार किया गया है। चौधरी का कहना है कि यह सूखे के दौरान की गई सहायता की राशि का यह मामला है ना कि घोटाला। उन्होंने तो 9 करोड़ रुपए कर्ज लेकर डेयरी में २० अगस्त से २९ अगस्त २०१९ के दौरान जमा कराए हैं। महाराष्ट्र में सूखे के समय सहायता के रूप में २२.५० करोड़ का पशुदाना (सागर दाना) भेजा गया था। १० फीसदी राशि दूधसागर डेरी में 7 दिन में जमा कराने के राज्य के सहकारी रजिस्ट्रार ने आदेश दिया था, जिस पर सहकारी ट्रिब्यूनल ने ८ अक्टूबर २०१८ को कामचलाऊ रोकलगाई है। उसके तहत २.२५ करोड़ चौधरी ने डेरी में १६ अक्टूबर को जमा कर दिए थे। फिर ट्रिब्यूनल ने २२.५० करोड़ के अतिरिक्त ४० फीसदी रुपए जमा कराने की शर्त पर २९ जुलाई २०१९ को रोक लगा दी थी। फिर भी नौ करोड़ रुपए कर्ज पर लेकर जमा कराए। उसे चौधरी ने जमीनों को बेचकर ये कर्ज चुकाया होने का दावा किया है। यह राशि वसूली नहीं है। केस अभी भी चल रहा है।

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