शास्त्री बालकृष्ण आर. दवे के अनुसार विक्रम संवत 2080 में कार्तिक शुक्ल एकादशी पर गुरुवार को देवउठनी एकादशी व प्रबोधिनी एकादशी मनाई जाएगी। इसी दिन भीष्म पंचक आरंभ होंगे। साथ ही पंढरपुर यात्रा भी आयोजित होगी।विक्रम संवत 2080 में कार्तिक शुक्ल बारस पर शुक्रवार से तुलसी विवाह आरंभ होंगे। विक्रम संवत 2080 में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 27 नवंबर सोमवार को तुलसी विवाह समाप्त होंगे। उसी दिन देवों की दिवाली मनाई जाएगी। साथ ही सिद्धपुर का मेला आयोजित होगा। उसी दिन गुरुनानक जयंती भी मनाई जाएगी।
इस साल दिसंबर तक 9 दिन विवाह के मुहूर्त इस साल 9 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। इनमें से इस महीने 3 दिन विवाह हो सकेंगे। विक्रम संवत 2080 में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 27 नवंबर सोमवार से ही विवाह के मुहूर्त आरंभ होंगे।
नवंबर महीने में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा पर 27 नवंबर, कार्तिक वद एकम पर 28 नवंबर व कार्तिक वद दूज पर 29 नवंबर को विवाह के मुहूर्त हैं।साल के अंतिम महीने यानी दिसंबर में 6 दिन विवाह हो सकेंगे। कार्तिक वद आठम पर 5 दिसंबर, कार्तिक वद नवमी पर 6 दिसंबर, कार्तिक वद दसमी पर 7 दिसंबर, कार्तिक वद एकादशी पर 8 दिसंबर, मार्गशीश सुद दूज 14 दिसंबर, मार्गशीश सुद तीज पर 15 दिसंबर को विवाह के मुहूर्त हैं।
16 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनार्क कमूर्ता मार्गशीश सुद चौथ पर 16 दिसंबर से पोष सुद तीज पर 14 जनवरी तक धनार्क कमूर्ता रहेगी। इस दौरान विवाह नहीं हो सकेंगे। गौरतलब है कि देवशयनी एकादशी पर 29 जून से चातुर्मास आरंभ होने के साथ ही विवाह पर ब्रेक लग गया था। इस साल अधिकमास के कारण 5 महीने का चातुर्मास हुआ। इसका समापन भी देवउठनी एकादशी गुरुवार को होगा।