धार्मिक स्थल से 874 साल पुरानी मूर्ति को निकाला शनिवार को शहर के गोधरा रोड में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के सामने छाब तालाब के किनारे बने तीन मंदिर व एक मुस्लिम धार्मिक स्थलों को अवैध पाए जाने पर ढहा दिया गया। इतिहासकार सचिन देसाई उस समय पहुंचे जब नर्मदेश्वर महादेव के मंदिर को तोड़ा जाना शुरू किया गया। एस.डी.एम. एन बी राजपूत से डेढ़ से दो दशक पूर्व निर्मित इस मंदिर में स्थापित एक पौराणिक प्रतिमा को संरक्षित करने का आग्रह किया गया। एसडीएम की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के साथ लगभग 874 साल पहले स्थापित हनुमानजी की पौराणिक मूर्ति को सुरक्षित तौर पर बाहर निकलाकर सुरक्षित स्थान पर रखवाया गया।
सिद्धराज जयसिंह ने दाहोद में छाब तालाब का निर्माण करवाया था, मंदिर के संस्थापक सचिन देसाई ने बताया कि डेढ़ दशक पहले उन्होंने छाब तालाब से निकली एक ऐतिहासिक मूर्ति लाकर मंदिर में स्थापित की थी। इस मंदिर को तोड़े जाने से पहले मामला संज्ञान में आया था और इस मूर्ति को बचा लिया गया। साथ ही मंदिर से स्थापित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी निकलीं, जो जे.सी.बी. मशीन की सहायता से स्थानांतरित की गई।
सिद्धराज जयसिंह ने दाहोद में छाब तालाब का निर्माण करवाया था, मंदिर के संस्थापक सचिन देसाई ने बताया कि डेढ़ दशक पहले उन्होंने छाब तालाब से निकली एक ऐतिहासिक मूर्ति लाकर मंदिर में स्थापित की थी। इस मंदिर को तोड़े जाने से पहले मामला संज्ञान में आया था और इस मूर्ति को बचा लिया गया। साथ ही मंदिर से स्थापित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी निकलीं, जो जे.सी.बी. मशीन की सहायता से स्थानांतरित की गई।