उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन और इन्जेक्शन की काफी आवश्यकता है। राज्य सरकार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है। कोरोना के सामान्य लक्षण वाले मरीजों या ए- सिम्पटोमेटिक मरीज आइसोलेशन में रहें तो उनके परिजन व अन्य व्यक्तियों को संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। ऐसी स्थिति में इन मरीजों को प्राइवेट नर्सिंग होम, कम्युनिटी हॉल या कोविड केयर सेन्टर की व्यवस्था में रखा जा सकता है। वहीं जहां वेन्टीलेटर या आईसीसीयू की आवश्यकता नहीं है ऐसे उपचार केन्द्रों को भी बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री रुपाणी ने हाल ही में राजकोट में इस संदर्भ में चिंता जताते कहा कि कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए हररोज अस्पतालों और बेड की सुविधाएं बढ़ाना जरूरी है। जहां अस्पतालों में भी जगह नहीं है और मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में मरीजों को तत्काल उपचार मुहैया कराने के लिए ऐसी व्यवस्था करना जरूरी है। ऐसी व्यवस्था करने के लिए सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए। सामाजिक अग्री नेतृत्व करें और जहां प्राथमिक सुविधाएं हों और चिकित्सक आकर कोरोना मरीजों का उपचार उपलब्ध कराने के लिए तत्काल कोविड केयर सेन्टर स्थापित करने चाहिए। नर्सिंग होम और कम्युनिटी हॉल जैसे स्थलों पर ऐसी व्यवस्था उपलब्ध कराना वर्तमान समय की मांग है। उन्होंने कहा कि कोरोना के ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन या वेन्टीलेटर की आवश्यकता हो ऐसे स्थलों से तत्काल ही मरीजों को कोविड हेल्थ सेन्टर या कोविड अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जहां ऑक्सीजन, वेन्टीलेयर या आईसीसीयू की आवश्यकता नहीं है वहां आगजनी की संभावना सामान्य स्थिति में होती है। इसके चलते फायर और पार्किंग नियमों का ध्यान में रखना जरूरी है। किसी भी व्यक्ति की जान जोखिम में नहीं हो उसका विशेष ध्यान रखना है।