अहमदाबाद

कपड़ों पर नहीं बढ़ाया जाए जीएसटी, बरकरार रखे

cloth merchant, GST, business men, demonstration, Gandhinagar : कपडों उद्यमियों ने जताया विरोध

अहमदाबादOct 12, 2021 / 09:28 pm

Pushpendra Rajput

कपड़ों पर नहीं बढ़ाया जाए जीएसटी, बरकरार रखे

गांधीनगर. कपड़ा उद्योग संगठनों ने इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार के नाम पर कपड़ा और गारमेन्ट्स पर जीएसटी दर बढ़ाने के जीएसटी काउंसिल के प्रस्ताव पर विरोध जताया है। कपड़ा उद्यमियों का कहना है कि पहले कपड़ा कोई कर नहीं था, लेकिन बाद में एक हजार से कम कीमत के कपड़ों पर पांच जीएसटी लागू कर दिया गया।
अब यह बढ़ाकर 12 फीसदी करने की कवायद चल हो रही है। ऐसे में खरीदारों पर 85 फीसदी आखिरी उत्पादन की कीमत बढ़ जाएगी, जो उचित नहीं है। इस मुद्दे को लेकर क्लोथिंग मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) और मस्कती कापड मारकेट महाजन के संयुक्त तत्वावधान में कपड़ा उद्यमियों का एक शिष्टमंडल नई दिल्ली में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री पियूष गोयल से मिला।
इस शिष्टमंडल में सीएमएआई के अध्यक्ष राजेश मसंद, चीफ मेन्टर राहुल मेहता, कुलीन लालभाई, संजय जैन, ललित अग्रवाल, मस्कती कापड मारकेट महाजन के अध्यक्ष गौरांग भगत, महाचिव नरेश शर्मा शामिल थे। इसके अलावा यह शिष्टमंडल कपड़ा (टेक्सटाइल) मंत्रालय के सचिव यू.पी.सिंह से भी मिला था।
सीएमएआई के अध्यक्ष राजेश मसंद के अनुसार कपड़ों (टैक्सटाइल) की संपूर्ण वैल्यूचेन के लिए प्रतिशत यूनिफार्म जीएसटी दर रखना चाहिए ताकि खपत बढ़े। ऐसा होने से उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार भी बढ़ेगा।

मस्कती कापड मारकेट महाजन के अध्यक्ष गौरांग भगत के मुताबिक नोटबंदी के समय भी कपड़ा उद्योग काफी प्रभावित हुआ था। कोरोना के बाद अभी भी कपड़ा और गारमेन्ट उद्योग ठीक तरह से उबर नहीं पाया है। सिर्फ 60 से 65 फीसदी की क्षमता के साथ ये उद्योग चल रहे है। अभी भी इस उद्योग को पटरी पर लौटने में एक वर्ष लग सकता है। ऐसे में जीएसटी में संशोधन करना उचित नहीं है।

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