धार्मिक स्थल चोटिला के पहाड़ पर रोपवे बनाने के लिए वर्ष 2008 के दौरान निजी कंपनी ने आवेदन किया था। परंतु, कानूनी वजह से यह मामला हाइकोर्ट में पहुंच गया। हाल में न्यायालय ने राज्य सरकार को रोपवे बनाने की मंजूरी दी है। इससे कंपनी ने हाल बिजली कनेक्शन लेने समेत बुनियादी सुविधाओं के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। करीब 20 करोड़ रुपए के खर्च से आगामी दिनों में रोपवे का काम साकार होगा। इस काम में करीब एक वर्ष लगने की उम्मीद है, यानी दिसंबर 2023 तक इसके पूरा होने की संभावना जताई गई है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के हाथों इसका शीघ्र ही भूमिपूजन किया जाएगा।
एक ट्रिप में 8 यात्री होंगे सवार
चोटिला में रोपवे के कार्यरत होने के बाद इसमें 8 से अधिक यात्रियों को ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। रोपवे के निर्माण के दौरान वृक्षों, खत और सड़क के कम से कम नुकसान होने पर खास जोर दिया जाएगा। रोपवे में आने-जाने का खर्च 130 रुपए तय किए गए हैं। जबकि सिर्फ एक ओर आने या जाने के लिए 100 रुपए देने होंगे। यह राशि दो वर्ष के लिए तय की गई है।
इसलिए जुटते हैं श्रद्धालु
झालावाड के चोटिला में आद्यशक्ति माता चामुंडा का स्थान है। हजारों भक्तों माता को शीश झुकाने 655 सीढिय़ा चढकर पहुंचते हैं। लेकिन, रोपवे बनने से श्रद्धालुओं को यहां पहुंचने का मार्ग सरल हो जाएगा। राजस्थान के आबू की निजी कंपनी इस प्रोजेक्ट को साकार करेगी। राज्य में अंबाजी समेत पावागढ़, जूनागढ़ के धार्मिक स्थलों पर रोपवे है। अब अमदाबाद और राजकोट मेगा सिटी के बीच झालावाड के चोटिला में रोपवे के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तीन साल पहले मंजूरी की मुहर लगाई थी। इसके बाद रोपवे का काम शुरू हुआ, लेकिन कानूनी अड़चन में फंस गया। चोटिला का पहाड़ा नाना पालियाद गांव की सीमा में है। चोटिला पहाड़ के समीप स्थित तिवन के पास रोपवे का पीकअप प्वॉइंट बनाया जाएगा। मंजूरी की खबर पर गांव के उपसरपंच रघु समेत अन्य सदस्यों में खुशी की लहर दौड़ गई।
झालावाड के चोटिला में आद्यशक्ति माता चामुंडा का स्थान है। हजारों भक्तों माता को शीश झुकाने 655 सीढिय़ा चढकर पहुंचते हैं। लेकिन, रोपवे बनने से श्रद्धालुओं को यहां पहुंचने का मार्ग सरल हो जाएगा। राजस्थान के आबू की निजी कंपनी इस प्रोजेक्ट को साकार करेगी। राज्य में अंबाजी समेत पावागढ़, जूनागढ़ के धार्मिक स्थलों पर रोपवे है। अब अमदाबाद और राजकोट मेगा सिटी के बीच झालावाड के चोटिला में रोपवे के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने तीन साल पहले मंजूरी की मुहर लगाई थी। इसके बाद रोपवे का काम शुरू हुआ, लेकिन कानूनी अड़चन में फंस गया। चोटिला का पहाड़ा नाना पालियाद गांव की सीमा में है। चोटिला पहाड़ के समीप स्थित तिवन के पास रोपवे का पीकअप प्वॉइंट बनाया जाएगा। मंजूरी की खबर पर गांव के उपसरपंच रघु समेत अन्य सदस्यों में खुशी की लहर दौड़ गई।