कनाडा के ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग की ओर से इस मामले को लेकर बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालीन मुद्दे के रूप में कनाडा में अनियमित माइग्रेशन, माइग्रेंट्स की तस्करी और मानव तस्करी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत की ओर से कनाडा को माइग्रेशन एंड मॉबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट (एमएमपीए) का प्रस्ताव दिया है जो कनाडा सरकार के समक्ष लंबित है।
उच्चायोग की ओर से कहा गया है कि इस त्रासदी ने इस बात को केन्द्र बिंदू में ला दिया है कि माइग्रेशन और आना-जाना सुरक्षित और वैध होना चाहिए जिससे ऐसी घटनाएं फिर न घटें।
उच्चायोग की ओर से कहा गया है कि इस त्रासदी ने इस बात को केन्द्र बिंदू में ला दिया है कि माइग्रेशन और आना-जाना सुरक्षित और वैध होना चाहिए जिससे ऐसी घटनाएं फिर न घटें।
भारतीय प्रवासियों व विद्यार्थियों के लिए बेहतर स्थल है कनाडा भारतीय उच्चायोग ने यह भी कहा है कि कनाडा भारतीय प्रवासियों व विद्यार्थियों के लिए बेहतर स्थल है। भारत व कनाडा सभी अप्रवासी भारतीय के कनाडा में सुरक्षा के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों के लिए नियमित कंसुलर बातचीत होती है जिसमें माइग्रेशन और एक दूसरे के इलाकों में नागरिकों के कल्याण का मुद्दा शामिल रहता है।
जिसका डर था वही हुआ हमारे डर की पुष्टि हो गई कि मेनिटोबा त्रासदी में मारे गए सभी चार भारतीय नागरिक थे। मृतक के परिजनों व उनके दोस्तों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है।
अजय बिसारिया, कनाडा में भारतीय राजदूत