पुराने पेपरों को हल करने से मिली मदद
सीए फाउंडेशन में जयकृत देसाई ने ४०० में से २९२ अंक पाए हैं। जयकृत बताते हैं कि मॉक टेस्ट और पुराने पेपरों को हल करने से काफी मदद मिली है। वे नियमित रिवीजन करते थे। पिता दूध का व्यवसाय करते हैं। आगे चलकर पहले जॉब फिर प्रेक्टिस करनी है। गणित में रुचि थी जिससे सीए बनने का निर्णय किया। परिवार में कोई सीए नहीं है। शिक्षक के जरिए मार्गदर्शन मिला था।
सीए फाउंडेशन में जयकृत देसाई ने ४०० में से २९२ अंक पाए हैं। जयकृत बताते हैं कि मॉक टेस्ट और पुराने पेपरों को हल करने से काफी मदद मिली है। वे नियमित रिवीजन करते थे। पिता दूध का व्यवसाय करते हैं। आगे चलकर पहले जॉब फिर प्रेक्टिस करनी है। गणित में रुचि थी जिससे सीए बनने का निर्णय किया। परिवार में कोई सीए नहीं है। शिक्षक के जरिए मार्गदर्शन मिला था।
ब्यूटी पार्लर संचालिका की बेटी ने पास किया फाउंडेशन
ब्यूटी पार्लर चलाने वालीं शबाना की बेटी जारा पठान ने सीए फाउंडेशन में २८५ अंक पाए हैं। वह सीए बनना चाहती हैं। जारा बताती हैं कि पढ़ाई में वे टॉपिक के आधार पर तैयारी करती हैं। हर दिन रिवीजन को तवज्जो देती हैं। १०वीं और 12वीं में अच्छे अंक आए। एकाउंट्स में रुचि है जिससे सीए करना चाहती हूं। परिवार में भी पांच साल पहले एक सदस्य सीए बना है। उनकी मां व मामा, नानी का काफी सहयोग है।
ब्यूटी पार्लर चलाने वालीं शबाना की बेटी जारा पठान ने सीए फाउंडेशन में २८५ अंक पाए हैं। वह सीए बनना चाहती हैं। जारा बताती हैं कि पढ़ाई में वे टॉपिक के आधार पर तैयारी करती हैं। हर दिन रिवीजन को तवज्जो देती हैं। १०वीं और 12वीं में अच्छे अंक आए। एकाउंट्स में रुचि है जिससे सीए करना चाहती हूं। परिवार में भी पांच साल पहले एक सदस्य सीए बना है। उनकी मां व मामा, नानी का काफी सहयोग है।
खुद की नोट्स बनाएं, रिवीजन है अहम
२८१ अंक के साथ फाउंडेशन उत्तीर्ण करने वाले पीयुष प्रजापति बताते हैं कि रिवीजन करना महत्वपूर्ण है। खुद के नोट्स तैयार करने चाहिए। यह अंत समय में काफी काम आते हैं। राजस्थान के आबूरोड मूल निवासी पीयुष के पिता किराणा स्टोर चलाते हैं।
२८१ अंक के साथ फाउंडेशन उत्तीर्ण करने वाले पीयुष प्रजापति बताते हैं कि रिवीजन करना महत्वपूर्ण है। खुद के नोट्स तैयार करने चाहिए। यह अंत समय में काफी काम आते हैं। राजस्थान के आबूरोड मूल निवासी पीयुष के पिता किराणा स्टोर चलाते हैं।
विफलता से नहीं खोई हिम्मत, तीसरी बार में सफल
एएमटीएस बस ड्राइवर की बेटी फातिमा शेख ने दो बार विफल होने पर भी हिम्मत नहीं खोई। मेहनत और लगन के साथ तैयारी जारी रखी। आखिरकार ४०० में से २३५ अंक प्राप्त करके फाउंडेशन में सफलता पाई है। वे कहती हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि खुद पर विश्वास रखो। बड़ा भाई अवान शेख भी सीए इंटरमीडिएट की तैयारी कर रहा है। दोनों-भाई बहन मिलकर तैयारी करते हैं। जिससे काफी मदद मिलती है।
एएमटीएस बस ड्राइवर की बेटी फातिमा शेख ने दो बार विफल होने पर भी हिम्मत नहीं खोई। मेहनत और लगन के साथ तैयारी जारी रखी। आखिरकार ४०० में से २३५ अंक प्राप्त करके फाउंडेशन में सफलता पाई है। वे कहती हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि खुद पर विश्वास रखो। बड़ा भाई अवान शेख भी सीए इंटरमीडिएट की तैयारी कर रहा है। दोनों-भाई बहन मिलकर तैयारी करते हैं। जिससे काफी मदद मिलती है।
ऑटो चालक की पुत्री ने पाई सफलता
बीकॉम के दूसरे वर्ष में पढ़ाई कर रहीं करिश्मा ठाकुर ने फाउंडेशन में २२५ अंक पाए हैं। पिता धर्मपाल सिंह ऑटो चालक हैं। वे बताती हैं कि सफलता में उनकी मां सुनीता का काफी योगदान है। वे लगातार पढ़ाई न करके दो-दो घंटे तय करके पढ़ाई करती थीं। बीकॉम के एक साल बाद सीए करने की ठानी।
बीकॉम के दूसरे वर्ष में पढ़ाई कर रहीं करिश्मा ठाकुर ने फाउंडेशन में २२५ अंक पाए हैं। पिता धर्मपाल सिंह ऑटो चालक हैं। वे बताती हैं कि सफलता में उनकी मां सुनीता का काफी योगदान है। वे लगातार पढ़ाई न करके दो-दो घंटे तय करके पढ़ाई करती थीं। बीकॉम के एक साल बाद सीए करने की ठानी।
सीए फाउंडेशन में अहमदाबाद ब्रांच का परिणाम 37.90 प्रतिशत अहमदाबाद. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की ओर से दिसंबर 2022 में ली गई सीए फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया गया।
अहमदाबाद ब्रांच का परिणाम 37.90 प्रतिशत रहा, जो जून 2022 के परिणाम की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। जून 2022 का परिणाम 29.83 प्रतिशत था। ऑल इंडिया स्तर के परिणाम की बात करें तो ब्रांच का परिणाम उससे 8.65 प्रतिशत अधिक है।
आईसीएमए अहमदाबाद ब्रांच के अध्यक्ष बिशन शाह ने बताया कि अहमदाबाद ब्रांच से दिसंबर की फाउंडेशन कोर्स परीक्षा में 3675 विद्यार्थी बैठे थे। उसमें से 1393 पास हुए हैं। परिणाम 37.90 प्रतिशत रहा। यह बीते तीन परिणाम में सबसे ज्यादा है। ऑल इंडिया स्तर की बात करें तो इसमें एक लाख 26 हजार 15 विद्यार्थी बैठे थे, जिसमें से 36 हजार 864 उत्तीर्ण हुए हैं। इस बार फाउंडेशन का परिणाम भी अन्य सालों की तुलना में ज्यादा आया है।
अहमदाबाद ब्रांच का परिणाम 37.90 प्रतिशत रहा, जो जून 2022 के परिणाम की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। जून 2022 का परिणाम 29.83 प्रतिशत था। ऑल इंडिया स्तर के परिणाम की बात करें तो ब्रांच का परिणाम उससे 8.65 प्रतिशत अधिक है।
आईसीएमए अहमदाबाद ब्रांच के अध्यक्ष बिशन शाह ने बताया कि अहमदाबाद ब्रांच से दिसंबर की फाउंडेशन कोर्स परीक्षा में 3675 विद्यार्थी बैठे थे। उसमें से 1393 पास हुए हैं। परिणाम 37.90 प्रतिशत रहा। यह बीते तीन परिणाम में सबसे ज्यादा है। ऑल इंडिया स्तर की बात करें तो इसमें एक लाख 26 हजार 15 विद्यार्थी बैठे थे, जिसमें से 36 हजार 864 उत्तीर्ण हुए हैं। इस बार फाउंडेशन का परिणाम भी अन्य सालों की तुलना में ज्यादा आया है।