अहमदाबाद

Ahmedabad: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा ब्रेन स्ट्रोक, 40 वर्ष तक के 15 फीसदी मरीज

आईएसए के अध्यक्ष डॉ. निर्मल सूर्या, सचिव डॉ. अरविंद शर्मा एवं जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने अहमदाबाद में मिशन ब्रेन अटैक का अहमदाबाद चैप्टर शुरू किया।

अहमदाबादDec 09, 2024 / 11:03 pm

Omprakash Sharma

Dr. Arvind Sharma, Dr. Nirmal Surya, Dr. Sudheer Shah

युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या लगातार बढ़ रही है। कुछ वर्षों पहले पांच ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में पांच फीसदी मरीज 30 से 40 वर्ष की आयु होते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 15 फीसदी तक पहुंच गया है। बढ़ती समस्या को ध्यान में रखकर इंडियन ब्रेन स्ट्रोक एसोसिएशन (आईएसए) ने देश भर में ब्रेन स्ट्रोक के लिए जागरूकता अभियान चलाया है। आम जनता के साथ फिजीशियन चिकित्सकों को जागरुक और प्रशिक्षित किया जा रहा है। हाल ही में आईएसए की ओर से मिशन ब्रेन अटैक का अहमदाबाद चैप्टर भी शुरू किया गया।
आईएसए के अध्यक्ष डॉ. निर्मल सूर्या, सचिव डॉ. अरविंद शर्मा एवं जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने अहमदाबाद में मिशन ब्रेन अटैक का अहमदाबाद चैप्टर शुरू किया।

डॉ. सूर्या ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक में गोल्डन पीरियड साढ़े चार घंटे रहता है। समय पर थ्रोम्बोलिसिस का उपयोग करके जीवन बचाया जा सकता है। स्ट्रोक किसी को भी कभी भी आ सकता है। समय रहते उपचार किए जाने के लिए फिजीशियन चिकित्सकों का नेटवर्क स्थापित करने के जतन किए जा रहे हैं। उन्हें ऐसी स्थिति में किस प्रकार से उपचार दिया जाए, उसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। लोगों और चिकित्सकों को ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण का तत्काल पता चले इसलिए उन्हें जागरूक करने को ‘मिशन ब्रेन अटैक’ शुरू किया है।

भारत में हर मिनट तीन को ब्रेन स्ट्रोक

आईएसए के सचिव व अहमदाबाद के जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि देश में हर मिनट तीन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक का सामना करना पड़ता है। देश की बड़ी आबादी के बीच महज चार से पांच हजार ही न्यूरोलॉजिस्ट हैं। नई पहल के तहत स्ट्रोक का खतरा कम करने के लिए जीवन शैली में बदलाव करना काफी जरूरी है। कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि 20 से 30 वर्ष के लोगों में भी यह समस्या देखी जा रही है।

जीवनशैली में बदलाव से 70 फीसदी मरीज हो सकते हैं कम

अहमदाबाद के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने कहा कि केवल उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, शराब और नशीली दवाओं से परहेज करने से, नियमित व्यायाम करने से ब्रेन स्ट्रोक के 70 फीसदी मामलों को रोका जा सकता है। इसमें लोगों को कोलेस्ट्रॉल और अन्य जोखिम कारकों को नियंत्रित करना जरूरी है। नमक का सेवन कम करना चाहिए। जब मरीज को स्ट्रोक आता है तो प्रति सेकेंड दिमाग की 32 हजार कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। स्ट्रोक के दौरान जरूरी है समय पर उपचार, ताकि कोशिकाओं को नष्ट होने से रोका जा सके।

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