हर वर्ष निकलती है दो वर्ष लंबी रथयात्रा
हर वर्ष रथयात्रा का काफिला लगभग दो किलोमीटर से भी अधिक होता है। जिसमें 18 हाथी, विविध झांकियों से सुसज्जित 100 से भी अधिक ट्रक, भजन मंडली, अखाड़े और श्रद्धालु। इस दौरान पूरा शहर मानो रथयात्रा में जुड़ सा जाता है। कई किलोमीटर पैदल चलकर लोग भगवान के दर्शन को आते थे। इस बार रथयात्रा नहीं निकाली गई, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से रथयात्रा रूट पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहे।
रस्मे सभी निभाई लेकिन भ्रमण पर नहीं निकले भगवान
रथयात्रा की जो भी रस्में हर वर्ष निभाई जाती हैं वे सभी मंगलवार को निभाई गईं। नगरभ्रमण ेक तौर पर भगवान जगन्नाथ , बहन सुभद्रा और भाई बलराम के रथों को जमालपुर स्थित मंदिर परिसर में घुमाया भी गया। इसके बाद दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, जहां सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही।
हर वर्ष रथयात्रा का काफिला लगभग दो किलोमीटर से भी अधिक होता है। जिसमें 18 हाथी, विविध झांकियों से सुसज्जित 100 से भी अधिक ट्रक, भजन मंडली, अखाड़े और श्रद्धालु। इस दौरान पूरा शहर मानो रथयात्रा में जुड़ सा जाता है। कई किलोमीटर पैदल चलकर लोग भगवान के दर्शन को आते थे। इस बार रथयात्रा नहीं निकाली गई, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से रथयात्रा रूट पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहे।
रस्मे सभी निभाई लेकिन भ्रमण पर नहीं निकले भगवान
रथयात्रा की जो भी रस्में हर वर्ष निभाई जाती हैं वे सभी मंगलवार को निभाई गईं। नगरभ्रमण ेक तौर पर भगवान जगन्नाथ , बहन सुभद्रा और भाई बलराम के रथों को जमालपुर स्थित मंदिर परिसर में घुमाया भी गया। इसके बाद दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, जहां सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही।
ननिहालवासी भी दिखे निराश
22 किलोमीटर लंबी यात्रा सरसपुर स्थित भगवान रणछोडऱाय मंदिर से लौटती है। सरसपुर को ननिहाल के रूप में जाना जाता है। रथयात्रा के दिन इस क्षेत्र में विशेष चहल पहल रहती है। यहां की सभी शेरी, पोलों में भारी संख्या में लोग प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण करते रहे हैं लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा। रथयात्रा नहीं निकलने के कारण ननिहालवासी भी निराश दिखे। हालांकि सरसपुर स्थित रणछोडऱाय मंदिर में दर्शन के लिए लोगों का आना जाना जारी रहा। बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।
22 किलोमीटर लंबी यात्रा सरसपुर स्थित भगवान रणछोडऱाय मंदिर से लौटती है। सरसपुर को ननिहाल के रूप में जाना जाता है। रथयात्रा के दिन इस क्षेत्र में विशेष चहल पहल रहती है। यहां की सभी शेरी, पोलों में भारी संख्या में लोग प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण करते रहे हैं लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा। रथयात्रा नहीं निकलने के कारण ननिहालवासी भी निराश दिखे। हालांकि सरसपुर स्थित रणछोडऱाय मंदिर में दर्शन के लिए लोगों का आना जाना जारी रहा। बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।