एफआईआर के तहत रायखड़ इलाके में रहने वाली हिनानाज कादरी (38) को 9 जनवरी की सुबह 10.30 बजे एक अज्ञात नंबर से वॉट्सएप कॉल आया, जिसमें सामने एक महिला थी, उसने हिंदी में पूछा कि हिनानाज बोल रही हो। विवाहिता के हां कहने पर ,उसने कहा कि तुम्हारे नाम का अरेस्ट वारंट है, तुम्हे दो घंटे में हैदराबाद क्राइम ब्रांच आना होगा। हिनानाज ने कहा कि मैंने कुछ किया ही नहीं है ,तो अरेस्ट वारंट किस बात का है? इस पर उसने कहा कि तुम्हारे नाम पर ड्रग्स की सप्लाई होती है। तुम हैदराबाद नहीं आ सकती हो तो वीडियो कॉल कर तुम्हारी हैदराबाद क्राइम में बात कराती हूं।
अलग कमरे में भेजा ,बैंक, आधारकार्ड की ली डिटेल
कुछ देर में एक अज्ञात नंबर से हिनानाज को वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाला का चेहरा नहीं दिख रहा था। उसने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए हिनानाज से कहा कि तुम एक अलग कमरे में जाओ। फिर उसने पहचान पत्र, आधारकार्ड, बैंक की जानकारी ली। हिनानाज ने पूछा कि तुम पुलिस वाले हो कि कौन हो, इस पर आरोपी ने वॉट्सएप पर तेलंगाना पुलिस डिपार्टमेंट का एक आईडी कार्ड भेजा। आईडी कार्ड में एस लक्ष्मण इंस्पेक्टर हैदराबाद पुलिस रेंज लिखा था। एक अरेस्ट वारंट भी भेजा, जिस पर असिस्टेंट डायरेक्टर नीरज कमार डायरेक्टर एन्फोर्समेंट मुंबई लिखा था। इसके बाद कथित पुलिसकर्मी ने हिनानाज से कहा कि तुम टेररिस्ट के लिए काम करती हो, तुम्हारे अकाउंट में ब्लैक मनी आई है। तुम्हे वह पैसे हमारे अकाउंट में ट्रांसफर करने पड़ेंगे। जिससे इस मामले की जांच कर सकें ,नहीं तो तुम्हें अरेस्ट करना पड़ेगा। ऐसा कहने पर हिनानाज घबरा गई और आरोपियों के कहे अनुसार उनकी ओर से भेजी अलग अलग लिंक पर यूपीआई के जरिए अलग-अलग समय पर एक लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
सास पड़ोस से बहन को बुलाकर लाईं तो खुली पोल
इस बीच हिनानाज की सास को शंका हुई और वह पड़ोस में रहने वाली हिनानाज की बहन को बुलाकर लाई। उसकी बहन ने अपने भाई जैद को फोन कर बुलाया। जैद जब घर पहुंचा और उसने वीडियो कॉल में व्यक्ति को चेहरा बताने के लिए कहा तो उसने नहीं बताया और फोन काट दिया। इस पर ठगे जाने का अहसास होने पर हिनानाज ने पति के साथ गायकवाड़ थाने पहुंचकर शिकायत दी, जिस पर 29 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई है।