अहमदाबाद

गुजरात से मोबाइल चुराकर बांग्लादेश, नेपाल में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

क्राइम ब्रांच ने जमालपुर फूल बाजार के पास से दो आरोपियों को पकड़ा है। उनके पास से 20 लाख रुपए से ज्यादा के 58 मोबाइल बरामद किए हैं। आरोपी भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों के मोबाइल चोरी करते थे। अहमदाबाद, वडोदरा, गांधीनगर, आणंद में कई वारदातों को अंजाम दिया। चोरी के मोबाइल ये बांग्लादेश, नेपाल में बेचते थे।

अहमदाबादFeb 10, 2024 / 10:30 pm

nagendra singh rathore

गुजरात से मोबाइल चुराकर बांग्लादेश, नेपाल में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

गुजरात के शहरों में भीड़भाड़ वाली जगहों से कीमती मोबाइल फोन चोरी करने वाले गिरोह का शहर क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के दो सदस्यों को जमालपुर के फूल बाजार से पकड़ा है। इनके पास से 20 लाख से ज्यादा के 58 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। इसमें 29 आई फोन हैं। चोरी के मोबाइल फोन को नेपाल, बांग्लादेश में बेचते होने का खुलासा हुआ है। चोरी के इन मोबाइल फोन का आतंकी व अन्य असामाजिक तत्वों के इस्तेमाल करने के संदर्भ में जांच की जा रही है।

 

पकड़े गए आरोपियों में अविनाश कुमार महतो (19) और श्यामकुमार कुर्मी (26) शामिल हैं। दोनों मूलरूप से झारखंड के साहेबगंज जिले के रहने वाले हैं। अविनाश महाराजपुर नया टोला निवासी है, जबकि श्याम तीन पहाड़ बावपुर नीचा टोला का रहने वाला है। दोनों ही अभी सूरत में रेलवे स्टेशन के आसपास किराए के मकान में रहते थे।

 

चोरी करने वालों को प्रति माह 25 हजार देते

आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए आरोपी अविनाश का बड़ा भाई पिन्टू महतो और उसके ही गांव का रहने वाला राहुल महतो गिरोह के सरगना हैं। ये दोनों काफी समय से गुजरात के शहरों से मोबाइल फोन की चोरी करते हैं। दोनों ने गांव व आसपास के युवकों को भी मोबाइल फोन की ट्रेनिंग देकर गिरोह बनाया है। मोबाइल फोन चोरी करने आने वाले को प्रति माह 25 हजार रुपए देते थे। सूरत रेलवे स्टेशन के पास किराए पर कमरा दिलाकर वहां पर ठहराया। इन दोनों के बताए शहरों में जाकर चोरी करते।

 

लॉक खुलवाकर बांग्लादेश, नेपाल में बेचते

आरोपी गुजरात के अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, आणंद जैसे शहरों से मोबाइल फोन चोरी करते फिर उसे लेकर झारखंड के साहेबगंज जिले में स्थित महाराजपुर नया टोला गांव जाते। वहां पर ये शेखर महतो नाम के टेक्नीशियन के पास से मोबाइल का लॉक खुलवाते थे। उसके बाद इन मोबाइल फोन को बांग्लादेश तथा नेपाल में ले जाकर बेच देते थे। इससे फोन जल्द ट्रेस नहीं होता था।

 

टीम में चार से पांच व्यक्ति, एक दूर बैग लेकर खड़ा होता

जांच में सामने आया कि आरोपियों की टीम में चार से पांच व्यक्ति होते हैं। एक व्यक्ति बैग लेकर भीड़ से कुछ दूर खड़ा रहता था। भीड़ से मोबाइल चोरी करने के बाद आरोपी अपने साथी को फोन दे देते थे। वह साथी दूर खड़े अन्य साथी को फोन दे देता, जिसे वह थैले में रख लेता। आरोपी फिर चोरी करने चले जाते, यदि कोई पकड़ा जाता तो अन्य सभी साथी फरार हो जाते।

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