गैस रिसाव के चलते दम तोड़ने वाले श्रमिक कमल यादव के चाचा अभिलाष यादव ने देवी सिंथेटिक कंपनी के मालिक आनंदनगर रिवेरावन निवासी विनोद अग्रवाल एवं ईसनपुर सम्राटनगर निवासी व कंपनी के सुपरवाइजर मंगलसिंह राजपुरोहित विरुद्ध रविवार को लापरवाही का मामला दर्ज कराया है। नारोल पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया है।
नौकरी करना है तो करो, नहीं मिलेंगे सेफ्टी के साधन
एफआईआर के तहत कमल यादव ने यहां नौकरी करने के दौरान कंपनी मालिक विनोद अग्रवाल एवं सुपरवाइजर मंगलसिंह से सेफ्टी के साधनों को उपलब्ध कराने की मांग की थी। आरोप है कि दोनों ने इससे इनकार कर दिया। कहा कि नौकरी करनी है, तो करो नहीं तो छोड़ दो। सेफ्टी के साधन नहीं मिलेंगे।
मास्क, हेलमेट, मोजा होते तो नहीं होती मौत
एफआईआर में कहा है कि यदि कंपनी मालिक और सुपरवाइजर ने कंपनी में काम करने वाले श्रमिकों को सेफ्टी साधन मास्क, हेलमेट और हाथ के मोजे उपलब्ध करवाए होते तो रविवार सुबह एसिड का टैंकर खाली करते समय हुए जहरीली गैस के रिसाव के दौरान हुई कमल यादव व लवकुश मिश्रा की मौत नहीं होती। अन्य सात श्रमिक भी बेहोश नहीं होते। इसमें से चार श्रमिक अभी भी गंभीर हैं।
जीपीसीबी ने दिया नोटिस, 25 लाख का दंड
उधर सूत्रों के तहत गुजरात पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (जीपीसीबी) ने कंपनी को तत्काल बंद करने का नोटिस जारी करते हुए 25 लाख रुपए का दंड भी भरने को कहा है। कंपनी का पानी और बिजली का कनेक्शन काटने के लिए भी संबंधित विभागों से सिफारिश की है। आरोप है कि कंपनी ने एसिड के उपयोग की जीपीसीबी से मंजूरी नहीं ली थी। उसके बिना ही एसिड का टैंकर यहां खाली किया जाता था। इससे जीपीसीबी के कार्य और निगरानी पर सवाल उठ रहे हैं।