राजकोट के मुख्यमंत्री का होम टाउन होने की वजह से प्रशासन महामारी के फैलने से रोकने के बजाए आंकड़ों को छुपाने में अधिक कसरत करता प्रतीत हो रहा है। पिछले दो दिनों के अंदर कोरोना से 20 लोगों की मृत्यु होने की पुष्टि प्रशासन ने किया है। जबकि श्मशान में 39 लोगों का अंतिम संस्कार कराया गया जिसकी मौत कोरोना से हुई थी।
अन्य बीमारियों को बताते हैं मौत की वजह
जानकारी के अनुसार शहर के रामनाथपरा, मोटामवा, मवडी, 80 फीट रोड पर श्मशान में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार 49 मृतदेह का अंतिम संस्कार किया गया। अभी तक पॉजिटिव केस के आंकड़ा के साथ मौत का आंकड़ा भी बताया जाता था, लेकिन अब यह नहीं दिया जाता है। मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि डेथ ऑडिट कमेटी के कन्फर्म करने के बाद ही मृत्यु के आंकड़े में शामिल किया जाता है।
जानकारी के अनुसार शहर के रामनाथपरा, मोटामवा, मवडी, 80 फीट रोड पर श्मशान में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार 49 मृतदेह का अंतिम संस्कार किया गया। अभी तक पॉजिटिव केस के आंकड़ा के साथ मौत का आंकड़ा भी बताया जाता था, लेकिन अब यह नहीं दिया जाता है। मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि डेथ ऑडिट कमेटी के कन्फर्म करने के बाद ही मृत्यु के आंकड़े में शामिल किया जाता है।
बताया जाता है कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या अन्य किसी बीमारी के साथ कोरोना संक्रमित होकर मौत वाले मामले को विभाग इन्हीं बीमारियों की वजह से मौत होना बता देता है। इसके बावजूद इन शवों का श्मशान में पूरी कोरोना गाइडलाइन के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है।
जानकारी के अनुसार कोरोना गाइडलाइन के अनुसार हुए अंतिम संस्कार के तहत रामनाथपरा में 17, मोटा मवा श्मशान में 9, मवडी श्मशानगृह में 6, 80 फीट रोड पर स्थित श्मशान में 7 लोगों का अंतिम संस्कार कराया गया।
ढाई से तीन गुना तक बढ़े मौत के मामले
राजकोट के रामनाथपरा समेत श्मशानों में मृतदेहों के अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा सूची तैयार होने लगी है। औसत हर दो घंटे में कोरोना से एक मरीज की मौत का मामला सामने आने लगा है।
राजकोट के रामनाथपरा समेत श्मशानों में मृतदेहों के अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा सूची तैयार होने लगी है। औसत हर दो घंटे में कोरोना से एक मरीज की मौत का मामला सामने आने लगा है।
इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन गंभीर वास्तविकता छुपाने में जुटा है। रामनाथपरा के श्मशान संचालक श्यामभाई प्रजापति ने बताया कि पहले चार-पांच शव आते थे, लेकिन पांच दिनों से रोजाना 12 से 13 लोगों के शव आते हैं।
वडोदरा में भी ऐसा ही मामला आ चुका है सामने
इसी तरह उधर वडोदरा में भी गत महीने के अंतिम सप्ताह में सात दिन में विभिन्न श्मशान गृह में कोरोना प्रोटोकॉल से 161 का अंतिम संस्कार किया गया था जबकि सरकारी आंकड़ों में मात्र 4 की मौत बताई गई थी।
इसी तरह उधर वडोदरा में भी गत महीने के अंतिम सप्ताह में सात दिन में विभिन्न श्मशान गृह में कोरोना प्रोटोकॉल से 161 का अंतिम संस्कार किया गया था जबकि सरकारी आंकड़ों में मात्र 4 की मौत बताई गई थी।
इसे लेकर कोविड के विशेषाधिकारी डॉ. राव ने किया श्मशान गृहों का दौरा किया था।