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डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि आगरा में मानसिक आरोग्यशाला 1859 में बनी। उस दौर में मानसिक विज्ञान अपने शुरुआती दौर से गुजर रही थी। बात 1857 की स्वतंत्रता क्रांति में भारत के दो प्रमुख केन्द्र रहे। पहला झांसी, जहां रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ मुकाबाल छेड़ रखा था और दूसरा मंगल पांडे की यूनिट थी मेरठ में, ये दोनों ही केन्द्र नॉर्दन प्रोविंस के अंदर आते थे। उस समय यूपी का नाम नॉर्दन प्रोविंस था। नॉर्दन प्रोविंस के लेफ्टिनेंट गवर्नर का कार्यालय आगरा में था। आगरा में नॉर्दन प्रोविंस के गवर्नर के उपर बहुत दबाव था। दोनों जगहों की क्रांति को झेलना था और आगरा शहर के अंदर भी इतना असंतोष हो गया कि सभी अंग्रेज परिवारों ने खुद को आगरा किले के अंदर बंद कर लिया था। इस भारी दबाव के चलते लेफ्टिनेंट गवर्नर केल्विन अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। क्रांति जब खत्म हुई, तो उसके बाद क्वीट विक्टोरिया ने ईस्ट इंडिया कंपनी से पूरे भारत की सत्ता अपने हाथ में ली। इस क्रांति की समीक्षा की गई तो परिणाम ये आया कि बहुत सारे अंग्रेज सैनिक, अधिकारी, जिसमें गवर्नर केल्विन भी शामिल थे, इन सभी को तनाव की वजह से इनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया है। इसके लिए आगरा में मानिसक चिकित्सालय खोला जाए, ऐसी स्तुंति क्वीन विक्टोरिया के पास गई। उनकी सहमति के बाद 1859 में आगरा में मानसिक आरोग्यशाला की स्थापना की गई।
डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि आगरा में मानसिक आरोग्यशाला 1859 में बनी। उस दौर में मानसिक विज्ञान अपने शुरुआती दौर से गुजर रही थी। बात 1857 की स्वतंत्रता क्रांति में भारत के दो प्रमुख केन्द्र रहे। पहला झांसी, जहां रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ मुकाबाल छेड़ रखा था और दूसरा मंगल पांडे की यूनिट थी मेरठ में, ये दोनों ही केन्द्र नॉर्दन प्रोविंस के अंदर आते थे। उस समय यूपी का नाम नॉर्दन प्रोविंस था। नॉर्दन प्रोविंस के लेफ्टिनेंट गवर्नर का कार्यालय आगरा में था। आगरा में नॉर्दन प्रोविंस के गवर्नर के उपर बहुत दबाव था। दोनों जगहों की क्रांति को झेलना था और आगरा शहर के अंदर भी इतना असंतोष हो गया कि सभी अंग्रेज परिवारों ने खुद को आगरा किले के अंदर बंद कर लिया था। इस भारी दबाव के चलते लेफ्टिनेंट गवर्नर केल्विन अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। क्रांति जब खत्म हुई, तो उसके बाद क्वीट विक्टोरिया ने ईस्ट इंडिया कंपनी से पूरे भारत की सत्ता अपने हाथ में ली। इस क्रांति की समीक्षा की गई तो परिणाम ये आया कि बहुत सारे अंग्रेज सैनिक, अधिकारी, जिसमें गवर्नर केल्विन भी शामिल थे, इन सभी को तनाव की वजह से इनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया है। इसके लिए आगरा में मानिसक चिकित्सालय खोला जाए, ऐसी स्तुंति क्वीन विक्टोरिया के पास गई। उनकी सहमति के बाद 1859 में आगरा में मानसिक आरोग्यशाला की स्थापना की गई।