यह भी पढ़ें- World Heritage Day 2021 : नूरजहां ने रखी थी बाबा शाहपीर के मकबरे की बुनियाद, हर दुआ होती है कुबूल दुनियाभर में प्यार का प्रतीक ताजमहल एक ऐसी इमारत है। जहां देश-विदेश से करीब 70 लाख सैलानी हर वर्ष पहुंचते हैं। इतना ही नहीं विदेश से जब भी कोई राजनेता, अभिनेता या खिलाड़ी भारत आता है तो वह ताज का दीदार करने जरूर पहुंचता है। लोग इसकी एक झलक पाने और ताजमहल की एक फोटो लेने के लिए बेताब नजर आते हैं। बता दें कि भारत में जितने भी स्मारक हैं, उनमें ताजमहल सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्मारक है।
1648 में हुआ था बनकर तैयार उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पर बने ताजमहल को वर्ष 1983 से विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया था। अब यह दुनियाभर की 10 प्रमुख विरासतों में शुमार है। बता दें कि 17 जून 1631 को मुमताज महल अल जमानी की मृत्यु के बाद शोकजदा बादशाह शाहजहां ने एक यादगार मकबरा तामीर करने कार्य शुरू कराया था। इसके बाद 1631 में ही ताजमहल की नींव रखी गई थी, जो 1648 में बनकर तैयार हुआ। इतिहासकार बताते हैं कि इसे बनाने में करीब 20 हजार मजदूर लगाए गए थे। इसमें नक्काशी के लिए देश-विदेश के कारीगरों को भी बुलाया गया था।
ताजमहल के साथ करें संग्रहालय का दीदार वास्तव में दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल वस्तुकला की अद्भुत मिसाल है। कहते हैं कि भारत में रहकर भी अगर आगरा नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा। बता दें कि पहले इसका टिकट लेकर दिनभर पर्यटक इसकी खूबसूरती को ही निहारते रहते थे। इसलिए अब पर्यटकों के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है। नए नियम के अनुसार, अब पर्यटक यहां तीन घंटे ही गुजार सकते हैं। ऑनलाइन मिलने वाले एक टिकट की कीमत 40 रुपए निर्धारित है। ताजमहल में ताज के साथ ताज संग्रहालय का दीदार भी किया जा सकता है। यहां यह बताना जरूरी है कि ताजमहल शुक्रवार के दिन सैलानियों के लिए बंद रहता है। वहीं, फिलहाल कोरोना वायरस की महामारी के चलते इसे 15 मई तक के लिए पूर्णरूप से बंद कर दिया गया है।