जानिए क्यों मनाते थे 20 नवंबर को
संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में घोषित किया था। इसी को देखते हुए भारत में भी आजादी के बाद 20 नवंबर को Children’s Day के रूप में मनाया जाने लगा। भारत में आजादी के बाद पहला बाल दिवस वर्ष 1959 में मनाया गया था। लेकिन वर्ष 1964 में प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद इसे बदल कर उनके जन्मदिन वाले दिन यानी 14 नवंबर को मनाया जाने लगा। दुनिया के कई देश आज भी 20 नवंबर को ही Bal Divas मनाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में घोषित किया था। इसी को देखते हुए भारत में भी आजादी के बाद 20 नवंबर को Children’s Day के रूप में मनाया जाने लगा। भारत में आजादी के बाद पहला बाल दिवस वर्ष 1959 में मनाया गया था। लेकिन वर्ष 1964 में प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद इसे बदल कर उनके जन्मदिन वाले दिन यानी 14 नवंबर को मनाया जाने लगा। दुनिया के कई देश आज भी 20 नवंबर को ही Bal Divas मनाते हैं।
क्यों चुना गया पंडित नेहरू के जन्मदिन की तारीख
पं जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बेहद प्यार था। जब भी वे खाली रहते तो अपना समय बच्चों के साथ बिताया करते थे। वे हमेशा इन बच्चों को देश के भविष्य के रूप में देखते थे, इसलिए बच्चों को उनके मौलिक अधिकार खासतौर शिक्षा दिलाने के पक्षधर थे। ताकि देश की एक मजबूत नींव तैयार हो सके। देश के आजाद होने के बाद जब पं नेहरू ने पहले प्रधानमंत्री के रूप में देश की कमान संभाली, तो बच्चों की शिक्षा उनकी प्राथमिकता पर थी।
उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान आदि की स्थापना की व युवाओं के लिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए देश को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई। पं नेहरू ने पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ कर भारत में उद्योग के नए युग की शुरूआत की। शिक्षा के क्षेत्र में नेहरू के इस योगदान व बच्चों के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए उनकी मृत्यु के बाद देश में उनके जन्मदिन की तिथि यानी 14 नवंबर को बाल दिवस – Bal Divas के रूप में मनाया जाने लगा।