खुद ही तलाश ले अपना जवाब आगरा के आरटीआइ कार्यकर्ता डा देवाशीष भट्टाचार्य ने संस्कृति मंत्रालय में छह सितंबर को आनलाइन आवेदन कर वाद्य यंत्रों तबला, बांसुरी व हारमोनियम के बारे में जानकारी मांगी थी। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के उप.सचिव अंकुर आचार्य ने 20 सितंबर को इसका जवाब दिया है। उन्होंने आवेदक कहाकि, अकादमी के संगीत अनुभाग का मानना है कि यह विषय गहन अध्ययन का है। आवेदक की मांगी गई सूचना के संदर्भ में अलग-अलग राय हैं। इस बारे में कुछ भी पक्का कहना बहुत मुश्किल है। अनुभाग ने यह सुझाव दिया है कि, आवेदक व्यक्तिगत रूप से संगीत नाटक अकादमी के पुस्तकालय में आकर इस संबंध में अध्ययन कर सकते हैं।
यह भी पढ़े – माफिया मुख्तार अंसारी को एक और सजा अपील में जाएंगे भट्टाचार्य संगीत नाटक अकादमी के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर आरटीआइ कार्यकर्ता डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि, इसके खिलाफ वह प्रथम अपील करेंगे। अकादमी जवाब नहीं देना चाहती है। पाठ्य पुस्तकों में गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। तबला पौराणिक वाद्य यंत्र है। इसका आविष्कार अमीर खुसरो ने नहीं किया था। बांसुरी और हारमोनियम भी प्राचीन वाद्य यंत्र हैं।
यह भी पढ़े – नमाज तो योगी सरकार से सहन नहीं तो भागवत को राष्ट्रपिता कहने से क्या बदलेगा, मायावती ने साधा निशाना पूछे गए सवाल – तबले का आविष्कार कब और किसने किया।
– हारमोनियम का वाद्य यंत्र के रूप में प्रयोग कब से हो रहा है।
– बांसुरी कब से बजाई जा रही है और इसे किसने बनाया था।
– तबला पहले मिट्टी से बना या लकड़ी से, किसने इसे बनाया था।
– हारमोनियम का वाद्य यंत्र के रूप में प्रयोग कब से हो रहा है।
– बांसुरी कब से बजाई जा रही है और इसे किसने बनाया था।
– तबला पहले मिट्टी से बना या लकड़ी से, किसने इसे बनाया था।